उत्तराखंड में हर्षिल घाटी से लेकर औली-चमोली तक जबरदस्त बर्फबारी…, गंगोत्री हाईवे बाधित
सोमवार की दोपहर से लेकर रात तक उत्तरकाशी के गंगोत्री-यमुनोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी और खरसाली क्षेत्र में बर्फबारी हुई। जनपद के सांकरी, राडी टॉप, चौरंगीखाल क्षेत्र में भी बर्फबारी हुई है।
बर्फबारी होने गंगोत्री हाईवे गंगोत्री धाम से 35 किलोमीटर पहले सुक्की से लेकर गंगोत्री के बीच बाधित हुआ। बीआरओ की टीम गंगोत्री हाईवे को सुचारू करने में जुटी हुई है।
सोमवार की दोपहर से लेकर शाम तक जिले के निचले इलाकों में हलकी वर्षा हुई। जबकि ऊपरी इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। जिले गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, राड़ी टॉप, धराली, मुखबा, जानकी चट्टी, खरसाली, नारायण पुरी, ओसला, गंगाड़, लिवाड़ी, फिताड़ी, हरकीदून, संकारी, केदारकांठा आदि स्थानों बर्फबारी हुई।
बर्फबारी होने से गंगोत्री हाईवे सोमवार की शाम को ही अवरुद्ध हो गया था। हाईवे अवरुद्ध होने के कारण हर्षिल जा रहे अपर सचिव सी रविशंकर को सुक्की टॉप से वापस लौटना पड़ा। बर्फबारी में फिसलन का खतरा देखते हुए सोमवार की देर रात को पुलिस और स्थानीय लोगों ने हर्षिल की ओर जा रहे पर्यटकों के वाहनों को भटवाड़ी उत्तरकाशी की ओर लौटाया। सुक्की से वापस लौटते समय कई वाहन बर्फ में फिसलते और रेंगते हुए लौटे।
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी ने इस मौसम को और भी खास बना दिया है। लंबी प्रतीक्षा के बाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है, और इन इलाकों में ठंड का जोरदार असर देखने को मिल रहा है।
जहां एक तरफ बर्फबारी से स्थानीय जीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ पर्यटक इन सफेद वादियों का लुत्फ उठाने के लिए इन इलाकों की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का असर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण सर्दी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मनाली, कुल्लू, रोहतांग, और आसपास के ऊंचाई वाले इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी हो रही है, जिससे इन क्षेत्रों का दृश्य पूरी तरह बदल गया है। इन इलाकों में हुई बर्फबारी ने जहां पर्यटकों के लिए शानदार अवसर प्रदान किया है, वहीं इसने स्थानीय प्रशासन और आम लोगों के लिए कुछ चुनौतियां भी उत्पन्न की हैं।
मनाली और केलांग मार्ग पर बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा। इस बर्फबारी के कारण अटल टनल के रास्ते पर लगभग 1000 गाड़ियां फंस गईं, जिनका रेस्क्यू किया गया। हिमाचल प्रशासन ने अपनी तत्परता दिखाई और रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित बाहर निकाला। बावजूद इसके, बर्फबारी से यातायात प्रभावित होने के कारण क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आने-जाने में कठिनाई आई।
उत्तराखंड में भी बर्फबारी की शुरुआत उत्तराखंड में भी बर्फबारी का प्रभाव दिखने लगा है, और कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ की चादर जम चुकी है। औली, उत्तरकाशी, चकराता, बद्रीनाथ, और केदारनाथ जैसे स्थानों पर बर्फबारी हो रही है।
हालांकि, हिमाचल की तुलना में उत्तराखंड में बर्फबारी की तीव्रता थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी ये इलाक़े पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। केदारनाथ धाम में इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हो चुकी है, और बर्फबारी का सिलसिला लगातार जारी है।
अभी तक इस स्थान पर एक फीट से अधिक बर्फ गिर चुकी है। बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में भी कुछ रुकावटें आई हैं, क्योंकि निर्माण सामग्री और श्रमिकों तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी क्रिसमस और न्यू ईयर के दौरान इन इलाकों में और भी कड़ी ठंड पड़ सकती है। यह मौसम पर्वतीय क्षेत्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन साथ ही साथ, यह पर्यटकों के लिए एक शानदार अवसर भी प्रस्तुत करता है, क्योंकि वे बर्फबारी के बीच प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए इन स्थानों पर पहुंच रहे हैं।