लोकसभा में उत्तराखंड के सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार राज्यों के मुद्दों को उठाने का काम कर रहे हैं।
इस बीच त्रिवेंद्र रावत के मुद्दों से राज्य सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जिसके बाद विपक्ष को भी हमला करने का मौका मिल गया है।
बीते दिनों त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में एवलांच और आपदा प्रबंधन से जुड़े मुद्दे को उठाया था। वहीं अब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में लगातार हो रहे अवैध खनन के मुद्दे को जोर शोर से उठाया। त्रिवेंद्र रावत ने केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड के पांच जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकारी राजस्व को भी हानि पहुंच रही है।
सांसद के इन आरोपों पर उत्तराखंड के खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत ने जबाव देते हुए सिरे से खारिज कर दिया। संत ने कहा कि उत्तराखंड में पहली बार खनन से रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है, जो तय लक्ष्य से अधिक है।
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से 2002 से 2025 तक राज्य को खनन से कभी भी 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन अवैध खनन पर अंकुश लगाकर राज्य ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अवैध खनन रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स बेहतर तरीके से काम कर रही है।
खनन सचिव ने स्पष्ट किया कि खनन से जुड़े वाहनों को केवल रात में संचालन की अनुमति है, क्योंकि दिन के समय नौ-एंट्री और पर्यटक यात्री वाहनों का दबाव बना रहता है।
उन्होंने कहा कि सरकार अवैध खनन पर पूरी तरह नजर रख रही है और इस पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
त्रिवेंद्र रावत के संसद में बयान के बाद कांग्रेस को भी हमला करने का मौका मिल गया है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा कि उत्तराखंड के हालात भगवान भरोसे हैं।
सरकार की शह पर खनन माफियाओं द्वारा नदियों का सीना चीरकर खनन किया जा रहा है, दूसरी तरफ भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री खनन के मुद्दे को संसद में उठा रहे हैं।
