
आज युवा पीढ़ी में तेजी से आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जिन कधों पर अभी केवल पढ़ाई के अलावा कोई बोझ नही है फिर भी युवा पीढ़ी मौत का रास्ता चुन रही है।
आखिर क्या कारण है कि युवा पढ़ी मौत को अपनी मंजिल समझ रही है। जिस तेजी से समाज में आधुनिक भौतिकवादी संसाधनों का आगमन हुआ है उसे तेजी से समाज में भी आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
इस प्रकार की प्रवृत्ति समाज को कहीं-कहीं न कहीं सोचने को मजबूर कर रही है कि आखिर छोटी-छोटी बातों पर युवा पीढ़ी गलत रास्ता क्यों चुना रही है?
हल्द्वानी। नाबालिग समेत दो युवतियों ने आत्मघाती कदम उठा लिया। जिससे दोनों की मौत हो गई। मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है।
यहां बनभूलपुरा में एक किशोरी ने अज्ञात कारणों के चलते जीवनलीला समाप्त कर ली। वह घर के भीतर परिजनों को फंदे से लटकी मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
वनभूलपुरा के इंदिरानगर निवासी 17 वर्षीय सिफा पुत्री मो. शाहिद चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की थी। परिजनों के अनुसार पूर्वाह्न 11 बजे परिवार के अन्य सदस्य पहली मंजिल पर थे और सिफा भूतल के कमरे में थी।
सिफा काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं आई है, तो परिजन कमरे में गए। वहां सिफा फंदे से लटकी थी। थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी।
वहीं खटीमा निवासी 21 वर्षीय ममता पुत्री आनंद लोहनी ने संदिग्ध हालात में जहरीले पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में दोनों मौत हो गई।
