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उच्च न्यायालय ने नैनीताल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था व पार्किंग की समस्या को लेकर दायर प्रो. अजय रावत व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था व पार्किंग की समस्या को लेकर दायर प्रो. अजय रावत व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई पर करते हुए कोर्ट खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद कि तिथि नियत की है।

तब तक कोर्ट ने सरकार सहित अन्य विभागों से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। आज हुई सुनवाई पर खण्डपीठ ने नगर की सड़को में खड़े वाहनों को हटाने के दिशा निर्देश दिए है।

ताकि कोर्ट ने नगर पालिका व राज्य सरकार से कहा है कि घरों से निकलने वाला गीला , सूखा व अन्य जैसे प्लास्टिक अखबार, बिजली के बेकार कूड़े को घरों में ही तीन अलग अलग डस्टबिनो में डाला जाय ताकि उसे दुबारा अलग अलग न करना पड़े।

इसके लिए नगर पालिका सभी घरों को तीन अलग अलग कलर के डस्टबिन मुहैय्या कराए। टैक्सी बाइक के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें फिलहाल कोई राहत नही दी।

कोर्ट ने नैनीताल शहर की सड़को का मूल्यांकन करने हेतु सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट दिल्ली व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की को पक्षकार बनाकर उनसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने नगर पालिका द्वारा नारायण नगर में बनाए गए।

कूड़ा निस्तारण के लिए बनाए गए डंपिंग ज़ोन का विरोध कर ग्रामीण से कर्मचारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही एसएसपी को ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामले का समाधान करने को कहा है।

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कोर्ट ने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए एचएमटी रानीबाग से सटल सेवा प्रारम्भ करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया है। कोर्ट ने चीफ सेकेट्री से इसपर विचार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। ताकि सटल सेवा प्रारम्भ होने से नैनीताल ,भवाली ,कैंची, मुक्तेश्वर, रामगढ़ अन्य पर्यटन स्थलों में जाम की स्थिति उतपन्न न हो सके।

पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि ट्रैफिक को लेकर जो पाँच एप्प उत्तराखण्ड पुलिस ने बनाए है। उसको व्हाट्सएप के माध्यम से सभी नागरिकों को भेजे। ताकि वे अपनी शिकायत आसानी से दर्ज कर सकें।

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