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उच्च न्यायालय ने देहरादून नगर निगम में होर्डिंग व यूनीपोल टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जाँच करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला 

हल्द्वानी।  उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने देहरादून नगर निगम में होर्डिंग व यूनिपोल के टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जाँच करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

     मामले की सुनवाई करने के बाद मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि उच्च न्यायलय के आदेश के बाद नगर निगम ने जो जाँच रिपोर्ट सरकार को भेजी है।

उस पर सरकार ने क्या एक्शन लिया ,चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 3 दिसम्बर की तिथि नियत की है।

     निगम की तरफ से कहा गया कि कोर्ट के आदेश के बाद निगम ने जाँच कमेटी गठित कर जाँच रिपोर्ट सरकार को सौप दी परन्तु अभी तक रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नही हुई।  

   मामले के अनुसार देहरादून निवासी समाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि भाजपा के दस साल के कार्यकाल में 2013 से 2023 तक होर्डिंग व यूनिपोल के टेंडर प्रक्रिया में कई तरह की अनियमितता हुई है।

जिससे नगर निगम को लगभग 300 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। 11 अगस्त 2023 को उनके द्वारा इसकी शिकायत मेयर व सचिव शहरी विकास से की।

शिकायत में कहा गया कि 325 अवैध होर्डिंगों की वसूली किसने की और कौन इनको बेच रहा है इसकी जाँच कराई जाय।

परन्तु अभी तक उनकी शिकायत पर नगर निगम व प्रशासन ने कोई निर्णय नही लिया ।

जबकि 2019 में नगर निगम ने एक कमेटी बनाकर इसका सर्वे भी कराया और 325 होर्डिंग अवैध पाए गए।

उसपर भी कोई कार्यवाही नही हुई। उनके द्वारा जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस मामले की जाँच करने के आदेश सरकार को दिए जाय।

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