ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

बागेश्वर। जिला अस्पताल बागेश्वर एक चिकित्सक के कारनामों से लगातार चर्चा में है। कतिपय चिकित्सक कभी मरीजों के साथ कहासुनी और फिर मारपीट करने के मामले सहित स्वयं को स्वास्थ्य मंत्री समेत अन्य जनप्रतिनिधियों का नजदीकी बताने वाले चिकित्सक की लापरवाही और बीमार बच्चे के इलाज के दौरान उसके फौजी पिता से कहासुनी के बाद दूसरे चिकित्सक को भी भड़काकर वीमार बच्चे के इलाज के बजाय इस चिकित्सक की लापरवाही के चलते सैनिक के बेटे की मौत के मामले में चर्चा में आया था।

अब इस चिकित्सक के एक स्टाफ नर्स के साथ भागने के बाद अस्पताल चर्चा में आया है। जिससे स्वास्थ्य कर्मचारी समेत अन्य चिकित्सक भी शर्मीदगी महसूस कर रहे हैं।

जिला अस्पताल एक बार फिर से चर्चाओं में है। चर्चा का विलेन हीरो इस बार भी वही है जो कि लगभग दो-तीन माह पूर्व एक सैनिक के बच्चे की मौत के मामले पर चर्चा पर था परंतु सरकार ने जांच के बाद भी जिस चिकित्सक से प्रारंभिक समय मे तू तू में में हुई उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

सूत्रों के मुताबिक कोई कार्रवाई नही होने से बाद से वह स्वयं को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री समेत कई मंत्रियों व विधायकों का खास बताता रहा।

इस बीच अब चिकित्सक का अपने ही अस्पताल की एक विवाहिता व पांच साल के पुत्र की मां से चल रहा इश्क परवान चड़ गया तथा दोनों पिछले चार दिन से दीवाली के अवकाश में फुर्र हो गए।

मामले की जानकारी लगी तो नर्स के पति ने कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करके लोक लाज के चलते आत्महत्या का प्रयास कर लिया सौभाग्य से वह बच गया।

अस्पताल से चिकित्सक व नर्स के भागे जाने की चर्चा आम हो चली तथा हर किसी की जुबान में यह मामला एक बार फिर चर्चित हो गया तो अस्पताल के अन्य सम्मानित चिकित्सक व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी शर्मींदगी महसूस कर रहे हैं।

इधर मुख्य चिकित्साधिकारी डा कुमार आदित्य तिवारी ने कहा कि चिकित्सक ने दो दिन का अवकाश और बड़ाया है।

पूर्व में वह किसी का स्वास्थ्य खराब होने की बात कहकर अवकाश में गया था। कहा कि नर्स के लापता होने की उन्हें जानकारी नहीं है।

इधर चिकित्सकों व कर्मचारियों का कहना है कि उक्तचिकित्सक की वजह से समय समय पर अस्पताल चर्चा पर रहता है तथा यहां पर काम करना मुश्किल हो गया है।

सूत्र बताते है कि आरोपी चिकित्सक अपनी ऊची पहुंच बताकर मनमानी नियुक्ति की बात करते हैं।

सूत्र भी कहते दिए कि सैनिक के पुत्र की मौत के मामले में उक्त चिकित्सक के साथ ही ड्यूटी के दौरान कहासुनी हुई थी। जिसके बाद जांच में उन्हें मामूली सजा दी जबकि सीएमएस व बाल रोग विशेषज्ञ सहित 108 कर्मचारियों को अनावश्यक जांच में कार्रवाई झेलनी पडी है।

चिकित्सक के खिलाफ पूर्व में भी शिकायत हुई थी। जिसके बाद उन्हें दूसरे स्थान पर तैनाती दिए जाने की भीमांग हुई थी। पर अस्पताल में तैनात महिला कर्मी के पति के खुलासे और आरोपों के बाद उक्त आरोपी चिकित्सक के खिलाफ लोगों में रोष है।

यह भी पढ़ें :  सांसद अजय भट्ट ने राज्य स्थापना दिवस पर दी शुभकामनाएं,कहा—25 वर्षों में उत्तराखंड ने किया ऐतिहासिक विकास
error: Content is protected !!