ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

पिथौरागढ़। दीपावली की खुशियां एक परिवार के लिए मातम में बदल गईं। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के उडियारी गांव की 17 वर्षीय बेटी ने समाज की रूढ‌वादी परंपरा को तोड़ते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

इस भावुक दृश्य को देखकर अंतिम यात्रा में शामिल सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।

जानकारी के अनुसार, बेरीनाग तहसील मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर उडियारी गांव निवासी 46 वर्षीय दरपान सिंह नैनीताल जनपद के खुटानी क्षेत्र स्थित एक होटल में कार्यरत थे। बीते रविवार को वे दीपावली मनाने के लिए जीप से घर लौट रहे थे। इसी दौरान अल्मोड़ा

धौलछीना मार्ग पर अचानक उन्हें हार्ट अटैक आ गया।

स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत अल्मोड़ा के बेस अस्पताल पहुंचाया, लेकिन

डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सोमवार को जब दरपान सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

अंतिम संस्कार के दौरान मृतक की 17 वर्षीय बेटी ने परंपरा की दीवारें तोड़ते हुए पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस क्षण को देखकर ग्रामीणों और परिजनों की आंखें भर आईं।

बेटी के इस साहसिक कदम की क्षेत्र में सराहना की जा रही है। प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उत्तराखंड की कई बेटियां रूढयों को तोड़ते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दे चुकी हैं।

बेटियों के इस साहस ने एक बार फिर समाज में बेटियां किसी से कम नहीं का संदेश दिया है।

यह भी पढ़ें :  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के (3 व 4 नवंबर) नैनीताल भ्रमण एवं प्रवास के दौरान यातायात रहेगा डाइवर्ट
error: Content is protected !!