अर्द्धसैनिक बल के पूर्व अधिकारी से 60 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले मास्टरमाइंड को एसटीएफ और साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र की संयुक्त टीम ने ढाई महीने बाद गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी पर विभिन्न राज्यों में तीन से अधिक साइबर ठगी के मुकदमे दर्ज हैं। उसने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया था।
एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि जुलाई में अर्द्धसैनिक बल से सेवानिवृत्त नैनीताल निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने खुद को टेलीकॉम विभाग, महाराष्ट्र साइबर क्राइम और सीबीआई अधिकारी बताकर उनसे संपर्क किया।
फोन करने वालों ने कहा कि उनके नाम से खोले गए खाते में 68 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग हुई है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि अगर वे सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीड़ित को लगातार 16 दिनों तक व्हाट्सएप कॉल पर डिजिटल अरेस्ट रखा गया और विभिन्न खातों में 60 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए।
जांच के दौरान साइबर थाना टीम ने तकनीकी साक्ष्य जुटाते हुए आरोपी की पहचान की। प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार के नेतृत्व में टीम ने गुरुवार देर रात गुरुग्राम हरियाणा से दबोच लिया।
आरोपी की पहचान कमल सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी रजियावास, थाना जेवाजा जिला अजमेर राजस्थान के रूप में हुई है।
उसके पास से एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद हुए। पुलिस जांच में सामने आया कि जुलाई माह में आरोपी के खाते में सात दिनों के भीतर लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था।
आरोपी के खिलाफ अन्य राज्यों में भी साइबर ठगी के तीन मुकदमे दर्ज हैं। संबंधित राज्यों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।












