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उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सभागार में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी ने उच्च न्यायालय में जजों की कमी को लेकर पत्रकार वार्ता की गई।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल।  उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सभागार में आज बार एसोसिएशन हाईकोर्ट के पदाधिकारियों ने उच्च न्यायालय में जजों की कमी को लेकर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा उच्च न्यायालय में जजों की कमी के चलते अधिवक्ताओं के साथ साथ वादकारियों को दिक्कतों का सामना करना है।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस मेहता ने बताया कि जजों की कमी के चलते ज्यूडिशियल सिस्टम सही तरीके से नही चल पा रहा है। जिसके चलते लंबित केशो की संख्या में वर्ष दर वर्ष बढ़ोत्तरी हो रही है।

जजों की कमी के चलते वादकारियों को समय पर न्याय नही मिल पा रहा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय में शीघ्र से शीघ्र जजों की नियुक्ति करने को कहा है ताकि वादकारियों को समय पर न्याय मिले और अधिवक्ताओं को राहत मिलने के साथ ही जनता का भरोसा न्यायपालिका पर बना रहे।

महेंद्र सिंह पाल ने कहा उत्तराखंड के अंदर पूरे वाद कार्यों के हित जो है दबे पड़े जेल में जितने भी लोग जेल के अंदर है वाद कार्य जेल भरे पड़े हैं बेलो में जगह नहीं है हाई कोर्ट से अपील में कोई बैल नहीं हो रही हैँ।पेंडिंग पड़ी है।

अभी तक किसी तरह का काम नहीं हो रहा हैं।और सबसे बड़ी बात है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजम ने चीफ जस्टिस उत्तराखंड उच्च न्यायालय का 6 महीने पहले नाम दे दिया कॉलेजियम से पास होकर सरकार में पड़ा है।

कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट से पास होकर सरकार में पड़ा है यहां के चार जजों के नाम सरकार में पड़े हैं।सरकार ने अभी तक उसमें कोई निर्णय नहीं लिया गया यह सबसे खराब बात है कि किसी तरह से भी यह सरकार है देख नहीं रही है।

 वादकारी परेशान है और किसी तरह की कोई रिलीफ की कोई उम्मीद अभी है नहीं हैँ । और जेल में किसी तरह का भी कार्य पूरा नहीं हो रहा है कि भारत सरकार लोक विभाग उनको अति शीघ्र जजो के अपार्टमेंट की संस्कृत करके भारत सरकार हमारे जजों को यहां भेजो ।

उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड हाई कोर्ट में जिससे कि यहां कार्य सुचारू रूप से चल सके और वाद कार्यों को सम्मान हो सके और लोगों को न्याय मिल सके और अधिवक्ता भी सुचारू रूप से कार्य कर सके।

अगर सरकार ने जजों की नियुक्ति शीघ्र नहीं की उत्तराखंड इसके लिए आंदोलन के लिए हम बाध्य होंगे उत्तराखंड के अधिवक्ता बार एसोसिएशन अध्यक्ष डीएस मेहता ने कहा की उत्तराखंड यह प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में जो है जजों की कमी के कारण जो है वाद कारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

जिससे वह वादकारियों के साथ-साथ अधिवक्ता भी परेशान है और जो लंबित मामले हैं उनकी संख्या 55000 तक पहुंच चुकी है केवल 6 जज है और जिन में भी क्योंकि काम इसलिए भी नहीं हो पा रहा है कि कई चीजे यहां की व्यवस्थाएं सहित तरीके से ज्यूडिशल सिस्टम नहीं चल पा रहा है।

हमारा यह कहना है केंद्र सरकार से शीघ्र सीट से शीघ्र यहां जजों की नियुक्ति की जाए जिससे वाद कार्यों को न्याय मिल सके और अधिवक्ता गण भी अपने कार्य को सही तरीके से कर सके और न्यायपालिका पर जनता का विश्वास बना रहे क्योंकि न्यायपालिका का विश्वास रहेगा तो हमारा लोकतंत्र भी सही तरीके से चल सकेगा।

अधिवक्ता पुष्पा जोशी ने कहा की दिक्कत तो यह है कि 4,11 की जजों की पोस्ट खाली हैँ। उसमें केवल 6 जज काम कर रहे हैं। और उन जज के आगे भी जो लिस्ट आती है उसमें केसेस को टेक अप ही नहीं किया जाता है जिसके वादकारी परेशान है।

वकील तो परेशान इसलिए होता है कि उसे जवाब देना पड़ता है। आपने वाद कारी को और जिससे अपनी तनख़ाह लेते हैं और वकील लोग अपने फिश लेते हैँ।

लेकिन वादकारी अधर में लटका रहता है। उसका कार्य हो नहीं पा रहा हैँ। लिस्ट में नाम होने के बावजूद भी मामले की सुनाई नहीं हो रही दुर्भाग्य कि बात क्रिमिनल अपीलो में जिसमें आदमी आजीवन कारावास जैसे सजाओ से गंभीर सजाओ में जेल में हैँ।

सुप्रीम कोर्ट बार बार कह रही हैँ। बेल दी जाए और यहां जो किसी तरह की सुनवाई उस मामले में जमानत में सुनाई नहीं हो रही है।

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