रिपोर्टर बलवंत सिंह रावत
रानीखेत। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, रानीखेत में एक दिवसीय कार्यशाला शीषर्क “Knowledge, Attitude and Practice towards Pharmacovigilance of Ayurvedic Medicines among Registered Ayurvedic Medical practitioners of Uttarakhand” पर आयोजित किया गया। कार्यशाला के दौरान स्वागत भाषण एवं सभी अतिथियों का स्वागत प्रभारी सहायक निदेशक द्वारा किया गया, सेमिनार के विषय वस्तु का परिचय डॉ. दीपशिखा आर्या, अनुसंधान अधिकारी (वन.) द्वारा दिया गया। मुख्य अतिथि उद्बोधन डॉ. गणेश उपाध्याय, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, अल्मोड़ा के द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होने संक्षिप्त परिचय के साथ कार्यक्रम की सफलता की कामना की। साथ ही विशिष्ट अतिथि डॉ. विजयशील उपाध्याय, निदेशक, भोले बाबा आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं रिसर्च सेन्टर द्वारा कार्यशाला की उपयोगिता के विषय में उद्बोधन दिया गया। इस कार्यक्रम के दौरान विषय विशेषज्ञ वक्ताओं ने निम्न विषय पर अपना सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए –
1. के.एल.ई.बी.एम.के. आयुर्वेद महाविद्यालय के क्षेत्रीय फार्माकोवजिलेंस सेन्टर में कार्यरत डॉ. अमोल बुद्रुक, एम.डी. (आर.एस.बी.के.) द्वारा आभासीय माध्यम से “Awareness Lecture on Pharmacovigilance of Ayurvedic Medicines” विषय पर व्याख्यान दिया गया।
2. डॉ. तरूण कुमार, अनुसंधान अधिकारी (आयु.) द्वारा “Reporting of ADR” विषय पर व्याख्यान दिया गया।
3. डॉ. हरित कुमारी, अनुसंधान अधिकारी (आयु.) द्वारा आयु सुरक्षा पोर्टल पर ए.डी.आर. एवं भ्रामक विज्ञापन रिपोर्ट करने हेतु प्रदर्शन किया गया।
कार्यशाला एवं कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन डॉ. पंकज पाण्डेय, सलाहकार (आयु.) द्वारा किया गया। कार्यशाला में अल्मोड़ा जिले के कुल 39 पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला में क्षेत्रीय आयुर्वेदीय अनुसंधान संस्थान, थापला, रानीखेत से डॉ. गजेंद्र राव, डॉ. दीपशिखा आर्या, डॉ. हरित कुमारी, डॉ. तरूण कुमार, सहित संस्थान के अन्य सभी कर्मचारी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. वी. बी. कुमावत, अनुसंधान अधिकारी (आयु.) द्वारा धन्यवाद सभी को ज्ञापित किया गया तथा अन्त में प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया साथ ही कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न किया गया।