हल्द्वानी। बच्चों के चहुमुखी विकास के लिए खेलना जरूरी – डां. रखोलिया ने दिनांक 04/12/2024 को वाल रोज विभाग में होटे-छोटे, नन्ने मुन्ने के लिए प्रधानाचार्य अरुण जोभी एव डा० ऋतु रखोलिया बोल रोग विभागाध्रीयक्ष द्वारा रिवन काटकर सयुक्त रूप से शुभारम्भ किया गया।
डा० रखोलिया ने बताया कि कहा गया कि भारत में 43% बच्चे अपनी क्षमता 2011 में 70 मिलियन 5 वर्ष से छोटे बच्चे अपनी क्षमता अनुसार प्रतिकूल परिस्थतियो से शारीरिक एव मानसिक विकास नहीं कर पायेंगे ।
बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषण के संरक्षित एव प्रेमपूर्ण वातावरण साथ-साथ प्रोत्साहन, खेल सुरक्षित, महत्वपूर्ण है।
बच्चो का 80% दिमागी विकास शुरुवात 2 वर्षों में तथा १०% दिमागी विकास 05 वर्षों तक होता है।
स्वस्थ वातावरण में खेलना, हैसना, मस्ती भरे वातावरण में शिक्षा देने से बच्चों के विकास को मजबूती मिलती है।
डा० रखोलिया ने बताया कि मेरा सपना था कि बाल रोग विभाग में एक बच्चों के लिए खेलने कई प्रकार कार के खिलौने रखे जाय, तथा कक्ष बनाया जाए।
इस प्रकार प्ले थैरेपी से बच्चों की भावनाओ एवं मानसिक विकास से सम्बन्धित कमियों को समझने में, दर्द एव से उबरने मैं भी मदद मिलेगी।
आटिज्म जैसी बीमारी को ठीक करने के कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डा० अरुण जोशी, डॉक्टर ऋतु रखोलिया, डॉक्टर पूजा अग्रवाल, डा० प्रणय बोस, डॉक्टर गुंजन नगरकोटी , डॉक्टर प्रेरणा चमोली, मैथू सिस्टर आदि लोग उपस्थित थे।