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नैनीताल के ज्युलिकोट के राजकीय मौन पालन केंद्र में ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। ज्युलिकोट में विश्व हनीबी(मधुमक्खी)दिवस के अवसर पर काश्तकारों और कृषकों को सफल मौन पालन और शहद के साथ ही कई अन्य उत्पादों से आय की जानकारी दी गई।

निरीक्षण के दौरान मुख्य अतिथि को रानी मक्खी दिखाई गई और शहद निर्माण में उनकी भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी गई।
नैनीताल जिले में ज्युलिकोट के राजकीय मौन पालन केंद्र में ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मौन पालन परिषद के उपाध्यक्ष मुख्य अतिथि गिरीश चंद डोभाल का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। उन्हें, मौन पालन में मौनालय(मौन ग्रह) और अलग अलग मौन पालकों और विभाग के स्टाल दिखाए गए। अतिथि को संग्रालय भी दिखाया गया।

इस मौके पर पद्मश्री अनूप साह, हरगोविंद सिंह रावत, रजनी रावत, वरिष्ठ कीट विद भावना जोशी, डा.रश्मि जोशी, हिमांशु जोशी, प्रांजल साह, महेंद्र सिंह नेगी, प्रवीन चौधरी, पुष्कर जोशी, दीपक बिष्ट, भावना जोशी, गुंजिता भट्ट, भूपेंद्र चंदोला, यशोधरा नेगी, शिवम साह आदि भी मौजूद रहे। काश्तकारों को विभाग की तरफ से प्रशस्तिपत्र बांटे गए।
स्टाल में काश्तकारों ने अपने प्रोडक्ट जैसे शहद, बी पालेंन, हनी बैग, रॉयल जैली, बी वैनम, पर पोलिश, बी वैक्स, हाइब् टूल, क्वीन केज, कोम्ब फाउंडेशन सीट आदि प्रदर्शित किए। इसके अलावा शहद निकालने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे स्मोकर, पोलन ट्रैप, सल्फर पाउडर, ग्लव्स, कैप नेट, ब्रश, बॉक्स आदि का भी प्रदर्शन किया गया।

इसके साथ ही पलकों को भारतीय मौन, इटैलियन मौन, भंवर, भुनका मौन के बारे में बताया गया। मौन पालकों को सात दिन की ट्रेनिंग और सब्सिटी कि जानकारी, मौन पालन के तरीके, उनका भोजन, मौन को आकर्षित करना, ढुलान पे व राज्य सहायता के बारे में बताया गया। इसके साथ ही मौन पालकों को ट्रेनिंग और छात्रवृत्ति दी गई।

समारोह में हरिद्वार, चंपावत, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, पौड़ी और नैनीताल के काश्तकारों व मौन पालकों ने भाग लिया। यूनाइटेड नेशन(यू.एन.)ने तय किया था कि आज 20 मई को विश्व मौन दिवस मनाया जाएगा। आयोजन में, मानव जीवन में मधुमक्खियों के महत्व की विस्तार से जानकारियां दीं।
दो बार सी.एम.अवार्ड से सम्मानित मौन पालक रजनी रावत ने कहा कि सरकार शहद का समर्थन मूल्य तय करे, इसके प्रचार प्रसार की कमी को दूर करे और फारेस्ट से अनुमती लेने में शिथिलता बरते तो क्षेत्र में मौन पालन बढेगा। ग्राम सभा के अध्यक्ष हरगोविंद सिंह रावत ने कहा कि हमने उपाध्यक्ष को अपनी समस्याएं बताई हैं।

मौन पालन में आई समस्याओं का समाधान करने के लिए विभागीय अधिकारी विशेष ध्यान दें। विश्वास जताया कि विभाग की तरफ से किये जा रहे विकास कार्यों से लाभ मिलेगा। उपाध्यक्ष से कहा कि यहां स्टाफ की कमी है। पद्मश्री अनूप साह ने अपने संबोधन में बताया कि अच्छे शहद की बहुत मांग है।

आप अपनी यूनियन को पंजीकृत करें और लाभ उठाएं। पांच वर्ष पूर्व दिल्ली की एक प्रदर्शनी में ऊत्तराखण्ड का शहद शराब की छोटी बड़ी बोतलों में बिक रहा था जबकि चंडीगढ़ का शहद सुंदर पैकिंग में धड़ल्ले से बिक रहा था। हमें मिलकर इसे आगे बढ़ाना चाहिए।
मधुमक्खियों को संरक्षित करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है और कहा जाता है कि अगर मधुमक्खियां धरती से खत्म हो जाएंगी तो यहां मानव जीवन भी 4 वर्ष में समाप्त हो जाएगा।

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