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दोनों भाइयों में से किसी के नाम पर नहीं है जमीन, भू-माफिया की थी नजर

हल्द्वानी। कमलुवागांजा में रामलीला मंचन के दौरान अधिवक्ता उमेश नैनवाल की गोली मारकर हत्या जमीन के विवाद में हुई। यद्यपि अभी इस मामले में कुछ और बातें सामने आ सकती हैं।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिस जमीन को लेकर हत्या हुई, वह दोनों भाइयों के नाम पर है ही नहीं।

रिश्तेदार की मौत के बाद उसकी 22 बीघा जमीन के बंटवारे को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद चल रहा था। इस जमीन पर कुछ भू-माफिया की नजर भी थी। दिनेश के पक्ष में कुछ प्रभावशाली भू माफिया, नेता व पूर्व में जिले में सेवा दे चुके पुलिस अधिकारी खड़े हो गए थे।

उमेश को जमीन पर कब्जा करने के लिए कुछ लोगों ने टारगेट बनाया और आगे कर दिया। जबकि पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाने वाले कई और लोग भी शामिल थे।

सोमवार रात कमलुवागांजा में रामलीला चल रही थी। जहां ग्राम पूरनपुर नैनवाल निवासी अधिवक्ता उमेश नैनवाल पहुंचे थे। रात करीब साढ़े 10 बजे मंच पर उमेश के बेटे आदित्य परशुराम का मंचन कर रहे थे। उमेश दर्शक दीर्घा में खड़े होकर बेटे की वीडियो बना रहे थे। इसी बीच उनका चचेरा भाई दिनेश नैनवाल पहुंचा और उमेश को तमंचे से गोली मार दी थी। उमेश खून से लथपथ हो जमीन पर गिर पड़े।

निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उमेश ने दम तोड़ दिया था। इस पूरे घटनाक्रम में जमीन का विवाद निकलकर सामने आया।

पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा था, वह न तो उमेश के नाम थी और न ही दिनेश के। जमीन हेम चंद्र नैनवाल के नाम पर थी। जो दोनों भाइयों का रिश्तेदार है।

हेम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसके माता-पिता की पूर्व में मौत हो चुकी थी। इसी साल जून में हेम ने भी दम तोड़ दिया था। उसकी मौत के बाद जमीन पर दिनेश की नजर टिक गई।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिनेश पापर्टी डीलिंग का भी काम करता है। ऐसे में उसके पक्ष में कई लोग खड़े हो गए थे। इधर, कुछ लोगों ने उमेश को जमीन कब्जाने के लिए आगे किया। इसके बाद तहेरे व चचेरे भाइयों में विवाद होने लगा।

आरोप यह भी है कि दिनेश ने ट्रैक्टर से खेत में जोताई करा दी थी। तब मामला एसडीएम कोर्ट में पहुंचा था। जिसके बाद रंजिश बढ़ गई थी। दिनेश ने उमेश को जान से मारने की धमकी दे डाली थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कड़ी से कड़ी जोड़कर मामले की जांच की जा रही है। जिस किसी की मिलीभगत सामने आई, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

पीठ पर तमंचा सटाकर मारी थी गोली, सात छर्रे निकाले गए

सोमवार रात 12 बजे पुलिस ने उमेश के शव को मोर्चरी में रखवा दिया था। मंगलवार को दोपहर 12 बजे के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू हुई। जिसके लिए पैनल का गठन किया गया। वीडियोग्राफी हुई। डाक्टरों के अनुसार उमेश की पीठ पर तमंचा सटाकर गोली मारी गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान पीठ से सात छर्रे निकाले गए हैं।

पुलिस ने लगाई गलत रिपोर्ट

उमेश के एक रिश्तेदार ने पुलिस पर गलत रिपोर्ट लगाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जमीन के विवाद की शिकायत उमेश ने मुखानी पुलिस से की थी। इसमें उमेश ने अपनी जान को खतरा बताया था। पुराने थानाध्यक्ष ने इस मामले को दबाकर रखा। नए थाना इंचार्ज ने आते ही रिपोर्ट लगा दी कि उमेश की जान को कोई खतरा नहीं है। इसका परिणाम सोमवार को सबके सामने आ गया।

जमीन के लिए अपने पार्टनर की हत्या कराने का आरोप

हत्यारोपित दिनेश नैनवाल वर्षों से प्रापर्टी का काम करता है। देवलचौड़ निवासी आर्मी से सेवानिवृत चंदन पोखरिया संग मिलकर उसने प्रापर्टी का काम शुरू किया था।

वर्ष 2005-2006 चंदन पोखरिया की बाइक सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप दिनेश पर भी था। इस आरोप में उसे लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। पुलिस के अनुसार इस मामले में बाद में गवाह पलट गए। ऐसे में दिनेश जेल से छूटकर बाहर आ गया था।

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