खबर शेयर करे -

उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी दंगा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की जमानत पर सुनवाई की,राज्य सरकार से इस पर आपत्ति पेश करने को कहा

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। दलउत्तराखंड हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने हल्द्वानी दंगा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई की।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से इस पर आपत्ति पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 16 अक्टूबर की तिथि नियत की है।
आपकों बता दे कि अब्दुल मलिक ने जमानत के लिए खण्डपीठ में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि एकलपीठ ने बीते सोमवार को मलिक की जमानत प्रार्थनपत्र यह कहकर खारिज कर दिया था कि इस मामले से सम्बंधित जमानत याचिकाओं की सुनवाई खण्डपीठ कर रही है।

इसलिए खण्डपीठ में जाएं। जबकि राज्य सरकार कहा गया था कि आरोपी पर यूएपीए जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं और एनआईए एक्ट के तहत शेषन कोर्ट को विशेष कोर्ट के अधिकार प्राप्त हैं और शेषन कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की खण्डपीठ में चुनौती दी जा सकती है।

यह भी पढ़ें :  हल्द्वानी‌ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखित किताब पावर विथइन: "द लीडरशिप लिगेसी आफ नरेंद्र मोदी" पर आयोजित विचार गोष्ठी में सांसद अजय भट्ट रहे मुख्य वक्ता

इसका विरोध करते हुए आरोपी की ओर से कहा गया कि शेषन कोर्ट स्पेशल कोर्ट नहीं है। इसलिये एकलपीठ अपील पर सुनवाई कर सकती है। आगे यह भी कहा गया कि इस मामले में रेगुलर पुलिस जाँच कर रही।

उन मामलों में खण्डपीठ सुनवाई कर सकती है जिसमे एनआईए ने जाँच की हो और स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई की हो। यहाँ मामले की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट जमानत प्रार्थनपत्र खारीज कर दिया।

सेशन कोर्ट स्पेशल कोर्ट नही है। मामले के अनुसार 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूपुरा इलाके में अतिक्रमण हटाने गई प्रशाशन व पुलिस की टीम पर अतिक्रमणकारीयो सहित कई अन्य लोगो ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी की।

दंगे के दौरान दंगाईयो ने कई गाड़ियों सहित थाने को घेरकर गोलाबारी की। जिसमे कई लोगों की मौके पर मौत हो गयी और 100 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस की जाँच के बाद पुलिस ने 100 से अधिक दंगाईयो को गिरफ्तार किया जिसमें से एक आरोपी ये भी है।