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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मस्जिद विवाद के मामले में धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी के भटवारी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद विवाद के मामले में धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तिथि नियत की है। कोर्ट ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी व एसपी से कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ साथ कोर्ट को भी अवगत कराने को कहा है। सुनवाई पर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि एक दिसंबर को मस्जिद के खिलाफ महापंचायत होने जा रही है।

इस पर भी रोक लगाई जाय। इसपर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि एक दिसंबर को होने वाली महापंचायत के लिए प्रसाशन ने कोई अनुमति नही दी है। वर्तमान में वहां पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस दिन व रात में गश्त कर रही है। अभी स्थिति सामान्य है।

आपकों बता दे कि उत्तरकाशी के अल्पसंख्यक सेवा समिति ने इस मामले में याचिका दायर कर कहा है कि बीते 24 सितंबर से कुछ संगठनों के द्वारा भटवारी रोड स्थित सुन्नी सुमदाय की मस्जिद को अवैध बताकर उसे ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है।

जिसकी वजह से वहां दोनों समुदाय में तनाव की स्थिति उतपन्न हो गयी है। इसलिए मस्जिद की शुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार की दीए जायँ। याचिका में आगे कहा गया यह मस्जिद वैध है। 1969 में जमीन खरीद कर बनाई गई। 1986 में वक्फ कमिश्नर ने इसका निरीक्षण किया और मस्जिद वैध पाई गई।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस तरीके के भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यो को आदेश देकर कहा कि अगर किसी जाति धर्म या समुदाय के लिए भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करें।

नही करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नही किया। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है।

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