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देहरादून। राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में उस समय हड़कंप मच गया जब पूर्व अपर सचिव की पत्नी को कोरोनेशन अस्पताल में इलाज न मिलने की सूचना इंटरनेट पर वायरल हुई।
इस सूचना के बाद चिकित्सकों में चिंता बढ़ गई कि उस समय ड्यूटी पर कौन था। चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए, जिससे पता चला कि यह घटना 18 अगस्त की है और अस्पताल ने अपनी ओर से सभी आवश्यक कदम उठाए थे।

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शुक्रवार दोपहर को उप चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस बिष्ट और चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट के पास यह सूचना आई कि पूर्व अपर सचिव की पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें कोरोनेशन अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने इलाज करने से मना कर दिया।

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इसके बाद स्वजन उन्हें दून अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां स्टाफ ने कहा कि चिकित्सक सुबह आठ बजे आएंगे। अंततः स्वजन ने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पूर्व अपर सचिव ने इस मामले की शिकायत उत्तराखंड के मुख्य सचिव से की और लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

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मरीज को दून अस्पताल में उचित उपचार दिया गया था। मरीज के पुत्र ने बताया कि अस्पताल में ईसीजी और एंजाइम जांच के बाद थ्राम्बोलिसिस का इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन वे मरीज को अन्यत्र ले जाना चाहते थे। इस मामले में अस्पताल ने सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया था।

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