उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन आज स्वास्थ्य,शिक्षा और भ्रष्ट्राचार के मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने सदन में नियम 58 के तहत भ्रष्टाटाचार के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भ्रष्टाचार को मामले को लेकर जमकर बरसे। नेता प्रतिपक्ष ने कई विभागों में घोटोल होने का दावा किया। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने भी कहा कि नए भ्रष्टाचार के कीर्तिमान सरकार ने स्थापित किए हैं।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार नहीं बल्कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड सबसे बड़ा अभिशाप है।
प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी को लेकर विपक्ष के कई विधायकों ने स्वास्थ्य मंत्री को जमकर घेरा। विधायकों ने आरोप लगाए कि पहाड़ों में अस्पताल रेफर सेंटर बने हुए हैं। मंत्री ने अपने स्तर से डॉक्टर्स की कमी पूरा करने की बात कही। इस बीच कृषि मंत्री के जबाव को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद स्पीकर को सवाल स्थगित करना पड़ा।
उत्तराखंड की खेती को लेकर पूछे गए एक सवाल पर शुक्रवार को कृषि मंत्री गणेश जोशी फंस गए। सत्ता पक्ष के ही विधायक बृजभूषण गैरोला के सवाल पर विपक्ष ने कृषि मंत्री गणेश जोशी को घेर लिया। कांग्रेस के विधायक वीरेंद्र जाती ने कृषि मंत्री से प्राकृतिक और पारंपरिक खेती के बीच में अंतर बताने को प्रश्न किया।
जिस पर मंत्री संतुष्ट जबाव नहीं दे पाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष को यह सवाल बिना उत्तर दिए स्थगित करना पड़ा। जिसको लेकर काफी देर हंगामा हुआ।
बीजेपी विधायक आदेश चौहान ने बाहरी लोगों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में बाहरी प्रदेश से आये लोगों की तादाद बढ़ी है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया।मंत्री ने कहा कि सरकार वेरिफिकेशन अभियान चला रही है। उधर सत्र की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के विधायकों के पहाड़ी शब्द को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल भी आपा खो बैठे।