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हल्द्वानी। दमुवाढूंगा क्षेत्र के 7000 से अधिक परिवारों ने भूमि अधिकारों को लेकर आंदोलन की दी चेतावनी, 8 साल से कानूनों का पालन नहीं होने से दमुवाढूंगा क्षेत्र के लोग सरकार से नाराज हैं।

 शहर के दमुवाढूंगा क्षेत्र के 7000 से अधिक परिवारों के भूमि अधिकारों को लेकर विवाद गहरा गया है।

8 साल से पारित कानूनों का पालन न होने पर स्थानीय निवासी सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं ।

1952 से बसे इस क्षेत्र में, 1965 में भारतीय वन अधिनियम के तहत 655 एकड़ भूमि को वन क्षेत्र घोषित किया गया।

इस फैसले को नित्यानंद भट्ट ने न्यायालय में चुनौती दी, और सर्वोच्च न्यायालय ने वन विभाग की याचिका खारिज कर दी, जिससे क्षेत्र को आरक्षित वन क्षेत्र से मुक्त किया गया।

इसके बाद, 2016 में राज्य सरकार ने एक संशोधन जारी किया, जिसके तहत क्षेत्रवासियों को भूमिधरी अधिकार दिए गए और सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू की गई।

हालांकि, 2020 में सरकार ने सर्वेक्षण कार्य रोक दिया और कानूनों का पालन नहीं किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने अब तक भूमि अधिकारों को लागू नहीं किया है, जिससे उनका हक़ मारा जा रहा है।

यदि सरकार जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं करती, तो क्षेत्रवासी सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे।

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