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 बी डी, पांडे अस्पताल का 131 वा स्थापना दिवस मनायाा गया धूमधाम से 

रिपोर्ट गुडडू सिंह ठठोला

 नैनीताल।  बीडी पांडे जिला अस्पताल का 131वां स्थापना दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।

जिसमें अस्पताल के स्टाफ के अलावा शहर के प्रथम नागरिक सरस्वती खेतवाल समेत शहर के अन्य गण मान्य व्यक्ति शामिल रहे ।

इस दौरान जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ डॉक्टर एम एस दुग्ताल अस्पताल के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी और केक काटा गया। 

 नैनीताल और आसपास के स्थानीय लोगों के लिए उपचार का यह इकलौता अस्पताल काफी दशकों पुराना है. इस अस्पताल के बनने के पीछे की वजह और उसका इतिहास भी काफी रोचक रहा है,,,,

     17 अक्टूबर 1894 को इस अस्पताल की नींव रखी गई थी. इस अस्पताल को गवर्नर चार्ल्स हौक्स टॉड क्रॉस्थवेट (Charles haukes todd crosthwaite) ने बनवाया था।

ब्रिटिशकाल में बने नैनीताल के सबसे पुराने अस्पताल रैमजे में केवल अंग्रेजों का ही उपचार किया जाता था. इसलिए नैनीताल में रहने वाले भारतीयों के इलाज के लिए वर्तमान के बीडी पांडे जिला अस्पताल का निर्माण किया गया, तब इस अस्पताल को क्रॉस्थवेट अस्पताल के नाम से ही जाना जाता था। जिसकी लागत उसे समय तकरीबन 33700 रुपया थी।

और जिसमें 10 लोगों की भर्ती होने की क्षमता थी जो आज बढ़कर 100 लोग हो गई है।

       जब देश आजाद हुआ, तब उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने यहां के स्थानीय लोगों की मांग पर इस अस्पताल का नाम स्वतंत्रता सेनानी बद्री दत्त पांडे के नाम पर रखा।

बीडी पांडे सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं थे बल्कि अध्यापक और पत्रकार भी थे. साल 1935 से 1937 तक वह सेंट्रल असेंबली के सदस्य और 1955 से 1957 तक लोकसभा सदस्य भी रहे।

ब्रिटिश काल मैं कुमाऊं का पहले इकलौता अस्पताल होने के चलते अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के करण आसपास के जिलों के मैरिज भी यहां स्वास्थ्य लाभ लेने आते थे।

वर्षों पुराना बीडी पांडे अस्पताल अब तक लाखों मरीजों को जीवनदान दे चुका है।

वर्तमान में यहां की नई और आधुनिक मशीनें गंभीर बीमारी के ग्रसित मरीजों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही हैं। और अपनी भरपूर सेवाएं दे रहा है।

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