नैनीताल के ज्योलिकोट नैंसी ऑफ नर्सिंग विद्यालय में दो दिवसीय लोक सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। नैंसी ऑफ नर्सिंग विद्यालय में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार (C.P.F.G.S.) के सहयोग से “कुमाऊं पर्था पर्व एवं लोक उत्सव” का भव्य आयोजन नैन्सी कान्वेंट विद्यालय, ज्योलिकोट, नैनीताल में किया गया। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन सर्वोदय सेवा समिति संस्थान, नैनीताल द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करना एवं संरक्षण करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह, प्रधानाचार्य, नैन्सी कान्वेंट विद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि श्री विनय कुमार तिवारी (सहायक महाप्रबंधक, दैनिक जागरण) एवं श्री विजय कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष श्री आनंद मेहरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
सर्वोदय सांस्कृतिक संस्थान द्वारा बीस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत विभिन्न पारंपरिक लोक नृत्य एवं गीतों का मंचन किया गया, जिसमें झोड़ा, चांचरी, छपेली, फूलदेई, भिटौली पर्व एवं अन्य लोक कलाओं का जीवंत प्रदर्शन किया गया।
कलाकारों ने नंदा-सुनंदा वंदना, हरैला पूजन गीत, गढ़वाली एवं कुमाऊंनी झोड़ा-छपेली नृत्य, फूलदेई छम्मा देई गीत नृत्य, भिटौली पर्व पर आधारित ग्रुप नृत्य – हीरा समदणी जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमालय और गंगा भारतीय सभ्यता, इतिहास और परंपराओं का केंद्र हैं।
उन्होंने उत्तराखंड की लोक संस्कृति को यहां के लोगों की जीवनशैली का अभिन्न अंग बताया और इस प्रकार के आयोजनों को सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए आवश्यक बताया।
संस्था के अध्यक्ष आनंद सिंह मेहरा ने कहा कि भारत अपनी विविधता, कला, शिल्प और परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों एवं प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। मंच संचालन श्री उमेश कांडपाल ने किया, जबकि संगीत निर्देशन अजय कुमार, नृत्य निर्देशन रिया टम्टा एवं संपूर्ण निर्देशन आनंद सिंह मेहरा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का समापन संस्था के अध्यक्ष द्वारा सभी अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त करने के साथ हुआ। विद्यालय में लोक उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया।
जिसका उद्देश्य उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करना एवं संरक्षण करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह, प्रधानाचार्य, नैन्सी कान्वेंट विद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि श्री विनय कुमार तिवारी (सहायक महाप्रबंधक, दैनिक जागरण) एवं श्री विजय कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष श्री आनंद मेहरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
सर्वोदय सांस्कृतिक संस्थान द्वारा बीस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत विभिन्न पारंपरिक लोक नृत्य एवं गीतों का मंचन किया गया, जिसमें झोड़ा, चांचरी, छपेली, फूलदेई, भिटौली पर्व एवं अन्य लोक कलाओं का जीवंत प्रदर्शन किया गया।
कलाकारों ने नंदा-सुनंदा वंदना, हरैला पूजन गीत, गढ़वाली एवं कुमाऊंनी झोड़ा-छपेली नृत्य, फूलदेई छम्मा देई गीत नृत्य, भिटौली पर्व पर आधारित ग्रुप नृत्य – हीरा समदणी जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमालय और गंगा भारतीय सभ्यता, इतिहास और परंपराओं का केंद्र हैं। उन्होंने उत्तराखंड की लोक संस्कृति को यहां के लोगों की जीवनशैली का अभिन्न अंग बताया और इस प्रकार के आयोजनों को सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए आवश्यक बताया।
संस्था के अध्यक्ष आनंद सिंह मेहरा ने कहा कि भारत अपनी विविधता, कला, शिल्प और परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों एवं प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। मंच संचालन श्री उमेश कांडपाल ने किया, जबकि संगीत निर्देशन अजय कुमार, नृत्य निर्देशन रिया टम्टा एवं संपूर्ण निर्देशन आनंद सिंह मेहरा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का समापन संस्था के अध्यक्ष द्वारा सभी अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त करने के साथ हुआ।
