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नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन की ओर से अखिल भारतीय प्राइवेट सेक्टर बैंक यूनियन की दो दिनी सभा हुई। जिसमें प्राइवेट बैंकों की चुनौतियों और समस्याओं पर मंथन हुआ। इस दौरान नैनीताल बैंक को निजी हाथों में बेचे जाने का विरोध किया गया।

मल्लीताल स्थित एक होटल में आयोजित सभा के अंतिम दिन रविवार को एनबीएसए के अध्यक्ष अभय गुप्ता और महामंत्री प्रवीण शाह ने सभी आगंतुकों का स्वागत और अभिनंदन किया।

अध्यक्षता प्राइवेट सेक्टर बैंक यूनियन सेल के चेयरमैन केजी पनीन्द्र ने की। विशिष्ट अतिथि ऑल इंडिया बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महामंत्री सीएच वेंकटचलम और संयुक्त सचिव रजनीश गुप्ता रहे।

सभा में रत्नाकर बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, धनलक्ष्मी बैंक, कर्नाटक बैंक, कोटक महिंद्र बैंक, फेडरल बैंक, करूर वैश्य बैंक, नैनीताल बैंक के अध्यक्ष और महामंत्री मौजूद रहे।

एआईबीईए के महामंत्री सीएच वेंकटचलम ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर बैंक के स्टाफ की समस्याओं के समाधान, बैंक को नेशनलाइज करने, प्राइवेट बैंकों में अधिक नियुक्तियां करने आदि प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई।

कहा कि उत्तराखंड में बीते एक सदी से अपनी सेवाएं दे रहे नैनीताल बैंक को सेल करने की कोशिश की जा रही है, जिसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की अलग-अलग नीतियां हैं।

इस बैंक को कॉरपोरेट कंपनी को बेचने करने की कोशिश की जा रही है। चेतावनी दी कि यदि नैनीताल बैंक को बेचे जाने की कोशिश की गई तो पूरे भारत में एआईबीईए की ओर से हड़ताल की जाएगी।

बैठक में गौरव तिवारी, सुरेश शुक्ला, रजत शाह, हिमेश परिहार, शैलेंद्र नेगी, अजय बिष्ट, मोहन बिष्ट, विजय गुप्ता, मयंक मलकानी, मोहित मिश्रा, महेंद्र बिष्ट, धर्म सिंह, सुरेश पाल, रमेश राम, राजू राजौरिया आदि रहे।

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