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देहरादून। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने मांगें पूरी न होने पर 23 मार्च की मध्यरात्रि से 25 मार्च तक हड़ताल कर आंदोलन का आह्वान किया है।
उनकी मुख्य मांग बैंक सेवा कार्य सप्ताह में सिर्फ पांच दिन करने की है। वहीं, 22 मार्च को महीने का चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में कुल चार दिन शहर में बैंक की सेवाएं बाधित रहेंगी।

सप्ताह में सिर्फ पांच दिन हो बैंकिंग सेवा

नेशविला रोड स्थित कार्यालय में यूएफबीयू संयोजक इंद्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता में बताया कि पिछले काफी समय से मांग की जा रही है कि सभी संवर्ग में पर्याप्त भर्ती और अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
बैंकिंग सेवा सप्ताह में सिर्फ पांच दिन हो।
निष्पादन समीक्षा और पीएलआइ पर हाल ही में दिए गए सरकारी निर्देश को तत्काल वापस लिया जाए।
जनता की ओर से दुर्व्यवहार की स्थिति पर बैंक कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के इंतजाम हों।
पीएसबी में अधिकारी निदेशक के पद को भरा जाए।
यह भी हैं मांगें

सरकारी कर्मचारियों के लिए योजना की तर्ज पर आयकर से छूट के साथ ग्रेच्युटी अधिनियम की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जाए।
बैंकिंग में आउटसोर्सिंग भर्ती की प्रथा समाप्त कर पर्याप्त भर्ती हो।
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल करने का आह्वान

यूएफबीयू संयोजक इंद्र सिंह रावत ने कहा कि कई बार मांग करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। इसी क्रम में अब यूएफबीयू ने 48 घंटे के लिए राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल करने का आह्वान किया है।

ये लोग भी रहे मौजूद

इस अवसर पर उत्तरांचल बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन, विनय शर्मा, गोपाल सिंह तोमर, हेमंत मल्होत्रा, कमल तोमर, सुशांत लिंबू आदि मौजूद रहे।

जल संस्थान में प्रमोशन को लेकर फिर छिड़ा विवाद

देहरादून : जल संस्थान में प्रमोशन को लेकर फिर विवाद छिड़ गया है। पिछले सात साल से प्रभारी अधीक्षण अभियंता पद पर तैनात अभियंताओं पर तलवार लटकती नजर आ रही है। वहीं, अधीक्षण अभियंता के 12 पद को 20 करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। हालांकि, इससे संस्थान के तमाम अभियंता नाखुश हैं।

जल संस्थान में वर्तमान में अधीक्षण अभियंता के 12 पद हैं। सभी पद पर सात साल से प्रभारी व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है। जो अभियंता वरिष्ठता सूची में ऊपर हैं, वह अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोशन से जुड़ी अर्हताओं को पूरा नहीं कर पा रहे थे। जो अर्हताएं पूरी करते हैं, वह वरिष्ठता में नीचे हैं। इसी कारण प्रभारी व्यवस्था से सात साल से काम चलाया जा रहा है।

पदोन्नति में शिथिलता का लाभ मिलने पर वरिष्ठता में ऊपर अधिशासी अभियंता भी अधिक्षण अभियंता के पद पर प्रमोशन के योग्य हो गए हैं। लेकिन नियमित प्रमोशन होते ही कुछ अधीक्षण अभियंता पूर्व तैनाती में जा सकते हैं। ऐसे में अब जल संस्थान प्रबंधन अधीक्षण अभियंता के पदों को 12 से बढ़ाकर 20 करने की कोशिश कर रहा है।
इससे पहले भी सहायक अभियंता पद पर सिविल और विद्युत-यांत्रिक कैडर को अलग-अलग करने के प्रयास हुए थे। लेकिन यह विधि कनिष्ठ अभियंता से लेकर महाप्रबंधक स्तर तक फिट न बैठने के कारण सफल नहीं हुई।

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