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सड़कों पर बीमा करवाए बिना दौड़ रहे वाहनों पर परिवहन विभाग अब सख्ती करने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ऑन रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने प्रदेशभर के सभी आरटीओ और एआरटीओ को प्रवर्तन की कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।

दरअसल, हर तरह के वाहनों का थर्ड पार्टी बीमा जरूरी है। बावजूद इसके, उत्तराखंड में हजारों वाहन बीमा करवाए बिना सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसमें भी दोपहिया वाहनों की संख्या अधिक है। कुछ समय पहले आयोजित सुप्रीम कोर्ट की ऑन रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में इसे गंभीरता से लिया गया।

इस कमेटी ने थर्ड पार्टी बीमा के बगैर चल रहे वाहनों पर प्रवर्तन की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद संयुक्त परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ और एआरटीओ को बिना बीमा सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।

इसलिए जरूरी है ऑटोमेटिक फिटनेस

आरटीओ और एआरटीओ के कार्यालय में आरआई वाहनों का भौतिक निरीक्षण करके फिटनेस का प्रमाण-पत्र देते हैं। इसके तहत वाहन के कलपुर्जों की जांच नहीं होती है। लेकिन, एटीएस पर भौतिक जांच के साथ ही यांत्रिक जांच भी मशीनों से होगी। पूरी तरह से फिट होने पर वाहन मालिक को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

बिना बीमा वाहन चलाने पर जुर्माने का प्रावधान

बता दें कि थर्ड पार्टी बीमा करवाए बिना दोपहिया और तिपहिया वाहन चलाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है। जबकि बस, ट्रक और कार पर दो हजार रुपये का जुर्माना है। ऐसे मामले में सजा का भी प्रावधान है।

ऐसे मामले में जेल की सजा भी संभव

 चालान के बाद भी बीमा नहीं करवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जेल की सजा भी सकती है।

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