डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। प्रमोशन के लिए आयोजित होने वाली वाली परीक्षा के प्रश्न उपलब्ध कराने के नाम पर रुपये लेने के आरोप में सीबीआई ने मंगलवार को डीडीयू मंडल के दो अधिकारी सीनियर डीईई (वरीय मंडल विद्युत अभियंता, परिचालन) सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ (वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी) सुरजीत सिंह, 17 लोको पायलट समेत 26 रेलकर्मियों को हिरासत में लिया।
मंगलवार की शाम अपने साथ ले गई। इस दौरान सीबीआई की टीम ने छापा में 1.17 करोड़ रुपये बरामद किये है। सीबीआई की टीम ने दोनों अधिकारियों के लैपटॉप समेत कार्यालय में रख कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये।
आवश्यक कार्रवाई पूर्ण होने के बाद सीबीआई की टीम आरोपी अधिकारियों और रेलकर्मियों को अपने साथ वाहन से लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई। वहीं मंगलवार की शाम सीबीआई की ओर से इस संदर्भ की विज्ञप्ति जारी किया है।
नगर स्थित रेलवे इंटर कालेज में मंगलवार को मुख्य लोको निरीक्षक 17 पद के लिए विभागीय परीक्षा होनी थी। परीक्षा में शामिल होने वाले 19 लोको पायलटों को नगर के कालीमहाल स्थित एक लॉन के अलावा सिद्धार्थपुर कालोनी स्थित रेलकर्मियों के घर ठहराया गया था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इन लोको पायलटो से प्रमोशन के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के प्रश्न उपलब्ध कराने के नाम छह से नौ लाख रुपये की रकम वसूली गई थी।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार डीडीयू रेल मंडल में तैनात एक लोको पायलट ने प्रमोशन के लिए आयोजित परीक्षा पास कराने के नाम पर रुपये मांगे जाने की शिकायत सीबीआई से की थी।
मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने पहले पूरे मामले की पड़ताल की। इसके बाद संदिग्ध रेलकर्मियों के घरों की रेकी की। सारे साक्ष्य एकत्र करने के बाद एक सोमवार को दिन में एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने डीआरएम कार्यालय में तैनात संदिग्ध रेलकर्मियों को घरों में नजरबंद कर दिया।
घंटो चली पूछताछ के बाद सीबीआई ने रात में सिद्धार्थपुरम कालोनी स्थित रेलकर्मियों के साथ-साथ काली महाल स्थित एक लॉन में ठहरे कुल 17 लोको पायलटो को धर दबोचा।
इसके बाद टीम ने रेलकर्मी संजय मिश्रा, नीरज वर्मा, अजीत सिंह, राकेश कुमार, अनीश कुमार के साथ सीनियर डीईई(परिचालन) सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह को उठाकर अपने साथ ले गई। टीम ने सभी रेलकर्मियों और अधिकारियों से डीआरएम कार्यालय में नजरबंद कर पूछताछ शुरू की।
मंगलवार दोपहर तीन बजे तक सभी आरोपियों से पूछताछ करने के बाद सीबीआई ने सभी को हिरासत में ले लिया और अपने साथ वाहन से लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई। सीबीआई की इस कार्रवाई से मंडल रेल कार्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक हड़कंप की स्थिति बनी रही।
संजय मिश्रा के पास से मिले सबसे अधिक रुपये
प्रमोशन की परीक्षा में प्रश्न उपलब्ध कराने के नाम से पर लगभग एक करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। सीबीआई सूत्रों के अनुसार सीनियर डीईई(परिचालन) सुशांत परासर के आवास से साढ़े तीन लाख रुपये, सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह के घर से 17 लाख रुपये, संजय मिश्रा के घर से 40 लाख रुपये, नीरज वर्मा के घर से 20 लाख रुपये और शेष धनराशि अजीत सिंह व अन्य लोगों के यहां से बरामद हुई थी। सीबीआई की टीम सभी रुपयों को जब्त कर अपने साथ ले गई।
सीबीआई की टीम ने मंगलवार को सभी आरोपियों से मंडल रेल कार्यालय स्थित सभागार में पूछताछ की। पूछताछ के पहले सीबीआई ने सभी आरोपियों के कपड़ों पर सफेद कागज लगाकर नंबर लिख दिये थे। पूछताछ के दौरान सीबीआई की टीम आरोपियों को नाम से नहीं बल्कि उनके नंबरों से संबोधित कर पूछताछ कर रही थी।
हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पाई गई
सीबीआई ने जांच के दौरान 17 अभ्यर्थियों के पास हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटो काॅपी बरामद की है। आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया था जिसने इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक ओएस (ट्रेनिंग) को दिया। इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से अभ्यर्थियों को दिया।
बाइक से रेड करने गई थी सीबीआई की टीम
सीबीआई की टीम सोमवार की रात काली महाल स्थित एक लॉन में बाइक से रेड मारने गई थी।
यहां से टीम ने नौ लोको को पायलटों को प्रश्न पत्र की हस्तलिखित कॉफी के साथ धर दबोचा। इसके बाद अन्य तीन स्थानों पर छापेमारी की।