हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या के दिन मनाए जाने वाली दीपावली का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि दीपों के इसी महापर्व धन की देवी मां लक्ष्मी और शुभ-लाभ के देवता भगवान श्री गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है।
हिंदू मान्यता के अनुसार दिवाली की रात गणेश-लक्ष्मी की पूजा करने पर पूरे साल धन-धान्य और खुशहाली बनी रहती है. इस साल दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में इस बात को लेकर भ्रम हो गया है कि आखिर वे इसे 20 या फिर 21 अक्टूबर 2025 को मनाएं. आइए जानते हैं कि दिवाली की तारीख को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के पंडित दिवाली की तारीख को लेकर क्या कहते हैं.
दिवाली 2025 कब है
उत्तराखंड ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष और जाने-माने ज्योतिषाचार्य पं. रमेश सेमवाल के अनुसार इस बार दीपावली 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को ही मनाई जाएगी. उनके अनुसार 20 अक्टूबर 2025 को ही दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत है क्योंकि 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:45 बजे अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को शाम 05:55 बजे तक रहेगी. ऐसे में 21 अक्टूबर 2025 की रात को अमावस्या तिथि नहीं रहेगी।
क्या कहता है पंचांग
पंडित रमेश सेमवाल के अनुसार दीपावली का पावन पर्व कार्तिक मास कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जिसमें रात्रि को भी अमावस्या तिथि रहती है. इस वर्ष यह योग 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को पड़ रहा है, जिसमें प्रदोष काल में भी अमावस मिल रही है और रात्रि काल में भी अमावस्या है. ऐसे में सभी को 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को दीपावली का पावन पर्व सभी को मनाना चाहिए।
क्या कहता है काशी विद्वत परिषद?
काशी विद्वत परिषद पहले ही 20 अक्टूबर 2025 को दिवाली मनाए जाने को उचित ठहरा चुका है. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री पं. रामनारायण द्विवेद्वी के अनुसार दिवाली पर्व की तारीख को धर्म शास्त्र के अनुसार सभी की सहमति से 20 अक्टूबर 2025 को मनाने का फैसला किया है और अयोध्या, मथुरा, काशी और पुरी आदि सभी प्राचीन पुरियों में 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जाएगी।
दिवाली कैलेंडर 2025 | Diwali 2025 Calendar
18 अक्टूबर 2025 : धनतेरस / यम दीपम
19 अक्टूबर 2025 : नरक चतुर्दर्शी / हनुमान पूजा
20 अक्टूबर 2025 : दीपावली
21 अक्टूबर 2025 : स्नान दान की अमावस्या
22 अक्टूबर 2025 : अन्नकूट / गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025 : यम द्वितीया / भैया दूज
बद्रीनाथ में कब मनाई जाएगी दिवाली
बद्रीनाथ मंदिर के पूर्वा धर्माधिकारी पं. भुवनचंद्र उनियाल के अनुसार भी दिवाली को 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाना ही उचित रहेगा. उत्तराखंड के चारों धाम में इसी दिन दिवाली मनाई जाएगी. पं. भुवनचंद्र उनियाल के अनुसार रात्रि के समय भगवती लक्ष्मी की पूजा करने के लिए सिर्फ 20 तारीख को ही समय मिल रहा है. ऐसे में शास्त्र सम्मत तरीके से 20 को ही दिवाली मनाना उचित रहेगा।
बड़े शहरों में कब मनाई जाएगी दिवाली?
अखंड दयाधाम, वृंदावन के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद के अनुसार ब्रजमंडल में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. मुम्बई विले पार्ले संन्यास आश्रम के पंडित दुर्गेश त्रिवेदी के अनुसार मुंबई में और कोलकाता के ज्योतिषाचार्य दीनदयाल तथा भुवनेश्वर के धर्मशास्त्र के जानकार पं. उमाकांता पांडा के अनुसार उनके शहर में भी दिवाली 20 अक्टूबर को ही जाएगी।
अखाड़ा परिषद 21 को मनाएगा दिवाली
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज के अनुसार जिस तरह जन्माष्टमी पर सन्यासी अष्टमी ढूढ़ते हैं और बैरागी संप्रदाय रोहिणी नक्षत्र ढूढ़ता है, और यह पर्व हर साल लोगों के द्वारा आगे-पीछे मनाय जाता है।
कुछ उसी प्रकार हम साधु-संत इस बार उदया तिथि को आधार मानते हुए 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को सूर्यास्त से पहले ही दीपावली का पूजन करेंगे, लेकिन जो लोग तंत्र-मंत्र आदि से दीपावली पर पूजा करते हैं, उन्हें इस दिन समय नहीं मिलेगा।
ऐसे में वो लोग 20 अक्टूबर 2025 को ही दिवाली मनाएंगे. रात्रिकालीन साधना करने वालों को 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना चाहिए।
चारों धामों की गूंजः हल्द्वानी समेत पूरे कुमाऊं-उत्तराखंड में 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी दीपावली
बद्रीनाथ-केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री चारों धामों में मनाई जाएगी 20 अक्टूबर को दीपावली । इन धामों से हुई शास्त्रसम्मत घोषणा के बाद अब पूरा कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र एक स्वर में 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने जा रहा है।
हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ समेत पूरे कुमाऊं में धर्माचार्यों और विद्वानों ने स्पष्ट कहा है कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर की रात्रि में प्रदोषकाल और निशाकाल के दौरान ही मनाना शास्त्रसम्मत है।
नैनीताल के प्रसिद्ध ज्योतिर्विद कैलाश चंद्र सुयाल जी ने कहा “उत्तराखंड के मुकुट रूप में विराजमान चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ने एकमत होकर दीपावली की तिथि 20 अक्टूबर घोषित की है। अब इसमें किसी प्रकार का भ्रम
उन्होंने आगे कहा कि निर्णय सभा पहले ही 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने की घोषणा कर चुकी थी, जिसे अब चारों धामों के धर्माचार्यों और उत्तराखंड ज्योतिष परिषद ने भी पूर्ण समर्थन दिया है।
उत्तराखंड ज्योतिष परिषद ने भी एक आधिकारिक वक्तव्य जारी कर कहा है कि – “चारों धामों से आया यह निर्णय पूरे उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए दिशानिर्देश है। अब यह सुनिश्चित हो गया है कि इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को ही दीपावली मनाई जाएगी।”
चारों धामों की एक स्वर घोषणा के बाद अब पूरे उत्तराखंड में उत्साह का वातावरण है।
लोगों ने अपने घरों और मंदिखी सजावट की तैयारी शुरू कर दी है। हल्द्वानी, नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रमों क रूपरेखा तय हो रही है।













