चमोली जिले में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप पर हुए हिमस्खलन में बचे हुए चार मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसके साथ ही हिमस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या आठ हो गई है।
चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव और तलाशी अभियान के दौरान सभी लापता मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के कारण 54 मजदूर बर्फ में फंस गए थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि आठ अन्य की मौत हो गई।
तिवारी के मुताबिक, रविवार को जिन चार मजदूरों के शव बरामद हुए हैं, उनकी पहचान उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले अनिल कुमार (21), उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के अशोक (28), हिमाचल प्रदेश के ऊना के हरमेश चंद (30) और देहरादून के क्लेमेंटाउन क्षेत्र के निवासी अरविंद (43) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि सात मृतकों के शव को ज्योतिर्मठ लाया गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
भारत-चीन सीमा पर करीब 3,200 मीटर की उंचाई पर स्थित आखिरी गांव माणा में हिमस्खलन होने से बीआरओ शिविर में आठ कंटेनर में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे।
फंसे मजदूरों की संख्या पहले 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई।
बर्फ में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने तीन दिनों तक तलाश एवं बचाव अभियान चलाया।