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नैनीताल में उपजे सांप्रदायिक तनाव के हालात, सड़क पर ही बदला लेने के लिए आमादा हो गई भीड़

रिपोर्टर – गुड्डू सिंह ठठोला 

नैनीताल। नाबालिग हिंदू लड़की के साथ मुस्लिम समुदाय के एक बुजुर्ग के दुष्कर्म करने की घटना के बाद नैनीताल में बुधवार की रात जितना बवाल हुआ, वैसा 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कभी नहीं हुआ।

सामान्य तौर पर शांत रहने वाले नैनीताल शहर में बुधवार को अचानक सांप्रदायिक तनाव हो गया। रात करीब साढ़े नौ बजे के बाद एक किशोरी से मुस्लिम समुदाय के बुजुर्ग के दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया।

इसकी सूचना शहर में आग की तरह फैल गई, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने मुस्लिम समाज के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।

विरोध करने वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटना शुरु कर दिया। गुस्साए लोगों ने धार्मिक स्थल के दरवाजे पर पथराव भी किया।

शहर का माहौल खराब होने पर अचानक पूरा बाजार बंद हो गया। सांप्रदायिक तनाव की स्थिति देखते हुए भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। इस बीच पकड़े गए आरोपी को अपने हवाले करने की मांग करते हुए भीड़ ने मल्लीताल कोतवाली घेर ली। बाहर ही धरना शुरू कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि किशोरी से पिछले दिनों हुए दुष्कर्म का यह मामला बुधवार देर शाम कोतवाली पहुंचा। थोड़ी देर बाद हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों को पता चला तो वे कोतवाली पहुंच गए। घटना के बारे में और लोगों को भी जानकारी मिल गई।

इसके बाद गुस्साए लोगों की भीड़ मल्लीताल की सड़कों पर इकट्ठी हो गई। लोगों ने हंगामा करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ कर दी। वाहनों को भी निशाना बनाया। साथ ही कुछ दुकानदारों को बाहर निकालकर पीटा।

बचाने की कोशिश करने वालों पर भी डंडे चलाए। मारपीट नहीं रुकी तो मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। उपद्रव पर नियंत्रण के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

इस दौरान कई लोगों के घायल होने की भी आशंका जताई जा रही है। 
हंगामे के बाद मल्लीताल बाजार से तल्लीताल तक मुस्लिम समुदाय की दुकानें बंद हो गई।

देर रात तक लोग आरोपी को कोतवाली से बाहर निकालने की मांग करते रहे। इसके लिए जमकर नारेबाजी भी की गई। एसपी डॉ. जगदीश चंद्र समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

घरों पर फेंके पत्थर तो पुलिस को चलाना पड़ीं लाठियां
गाड़ी पड़ाव में घरों में तोड़फोड़ कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हुई। तभी कुछ भीड़ कम हुई। हालांकि पुलिस के लाठी चलाने पर कई हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भड़क उठे और दोबारा कोतवाली के सामने धरने पर बैठ गए। हिंदूवादी संगठन ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए।

किशोरी को कार में ले जाकर किया दुष्कर्म और सड़क पर उतार गया
बुधवार रात हुए बवाल की वजह बनी दुष्कर्म की घटना अभी पूरी तरह सामने नहीं आ पाई है। वहीं कोतवाली के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि हवस का शिकार हुई किशोरी की मां रिश्तेदारी में कहीं बाहर गई थी।

पति और बच्चे यहीं थे। ऐसे में अपने घर का कामकाज कराने के लिए तीन दिन पहले बुजुर्ग ने महिला की बेटी को अपने यहां बुला लिया था। उसने बालिका को 200 रुपये भी दिए।

अगले दिन वह किशोरी को अपनी कार में ले गया और दुष्कर्म किया। उसने किशोरी को शहर की एक प्रमुख रोड पर उतार दिया और चला गया। किशोरी के घरवालों को जब जानकारी हुई तो बुधवार को उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।

आरोपी से मिलीभगत का आरोप लगा डॉक्टर बेटे भी गुस्सा
जिस बुजुर्ग ठेकेदार पर दुष्कर्म का आरोप लगा है, उसका बेटा यहां के सरकारी अस्पताल में ही डॉक्टर है। उसी अस्पताल में किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराने की जब तैयारी की गई तो भीड़ और गुस्सा गई।

लोगों का कहना था कि इस अस्पताल में किसी सूरत में मेडिकल परीक्षण सही नहीं होगा। यह भी आरोप लगा कि पुलिस की आरोपी बुजुर्ग से मिलीभगत है।

इसलिए उसे बचाने का हर तरीका पुलिस इस्तेमाल कर रही है। इसी कारण भीड़ ने बुजुर्ग के साथ उसके बेटे पर भी कार्रवाई की मांग रखी।

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