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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की ओर से लगी रोक को हटा दिया गया है। अब निर्वाचन आयोग की ओर से शनिवार को संशोधित चुनाव कार्यक्रम जारी किया जाएगा। निर्वाचन आयोग को शासन के मंतव्य का इंतजार है।

सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार ने कहा कि जुलाई माह में चुनाव करा दिए जाएंगे।

कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए नया चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा है। इस संबंध में उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि उनकी ओर से पूरी तैयारी है, शासन के मंतव्य का इंतजार किया जा रहा है।

इधर, सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनाव के कार्यक्रम को राज्य निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर नए सिरे से तैयार किया जाएगा। चुनाव जुलाई में ही होंगे। नामांकन और नामांकन पत्रों की जांच की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी।

पंचायत चुनाव पर सरकार की नीयत साफ नहीं : माहरा

पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की ओर से दी गई राहत पर प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे प्रश्न अभी भी अनुत्तरित हैं।

मीडिया को जारी बयान में अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि धामी सरकार ने जिस प्रकार से गलत नीयत से आरक्षण का रोस्टर शून्य कर नया आरक्षण लागू किया है, वह पूर्णतः अनुचित है।

इसका उद्देश्य केवल सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाना है। इसके कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और सामान्य वर्ग सभी प्रभावित हुए हैं।

निर्वाचन आयुक्त ने छात्रों को बताई चुनाव की महत्ता

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की ओर से लीडरशिप टूर पर दून पहुंचे बच्चों को संबोधित किया गया। इस टूर प्रोग्राम में प्रमुख विवि के लगभग 60 छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं।

आयुक्त सुशील कुमार की ओर से छात्रों को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने, भारत में स्थानीय चुनावों की भूमिका एवं उसके उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई। वन विभाग के मंथन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आयुक्त ने छात्रों की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब भी दिया।

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