हल्द्वानी। पिछले 13 फरवरी से उत्तराखंड के सभी वन प्रभाग में वन बीट अधिकारी/वन आरक्षी संघ कार्य बहिष्कार कर रहा है। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आरक्षी संघ ने हल्ला बोला है।
पूरे उत्तराखंड के करीब 2800 वन बीट अधिकारी और आरक्षी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
जिसको लेकर उत्तराखंड वन मंत्रालय द्वारा प्रदेश में होने वाली वनाग्नि की रोकथाम चुनौती बन गई है।
हल्द्वानी में भी वन वन आरक्षी पिछले लंबे समय से आंदोलन कर रहे है जिसमें मुख्य मांग उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को पुनः लागू किया जाए 10 वर्षों तक संतोषजनक सेवा देने वाले अधिकारियों की पदोन्नति की जाए।
वन आरक्षियों की वर्दी नियमों में संशोधन (एक स्टार) किया जाये। एक माह का अतिरिक्त वेतन एवं आहार भत्ता दिया जाये समस्त वन आरक्षियों को वाहन भत्ता बढ़ोतरी की जाये।
उन्होंने कहा 2016 से पहले नियमावली के अनुसार वन दरोगा को पदोन्नति दी जाती थी जिसे प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने परिवर्तन किया जिसके कारण बन वीट अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं।
पूर्व में शत-प्रतिशत प्रमोशन हो जाता था लेकिन अब 12 साल होने के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है।
आंदोलनकारी कर्मचारियों का कहना है कि कार्यक्रम सरकार वन विभाग के वन बीट अधिकारियों की मांगों का संज्ञान ले।