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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच जबरदस्त तनाव है और इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाई लेवल मीटिंग की है

इस मीटिंग में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख और नौसेना के प्रमुख भी मौजूद थी।

बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को खुली छूट दी है. इसी बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है।

87 में से 48 टूरिस्ट प्लेस बंद

जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम हमले और सीमाओं पर तनाव बढ़ने के बाद कश्मीर में 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है. बंद किए गए पर्यटन स्थल ज्यादातर सरहदी इलाकों में हैं. खुफिया एजेंसियों ने पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के बाद और भी आतंकी हमलों की आशंका जताई है. सूत्रों के मुताबिक संचार अवरोधों (Communication Barriers) ने पुष्टि की है कि पहलगाम हमले के बाद घाटी में कुछ स्लीपर सेल एक्टिव हो गए हैं और उन्हें अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

खुफिया जानकारी के मुताबिक,’22 मई को पर्यटकों पर हुए हालिया आतंकी हमले के मद्देनजर विश्वसनीय सूत्रों और सहयोगी खुफिया एजेंसियों से विश्वसनीय इनपुट मिले हैं कि आतंकी संगठन आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर हमले की एक्टिव रूप से योजना बना रहे हैं. इससे यह भी इशारा दिया कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), गैर-स्थानीय लोगों, CID कर्मियों और कश्मीरी पंडितों पर टार्गेट हमलों की योजना बना रही है, खासकर श्रीनगर और गांदरबल जिलों में।

एंटी-फिदायीन दस्तों की तैनाती

इसके अलावा सुरक्षाबलों ने मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप से, संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर एंटी-फिदायीन दस्तों को तैनात किया है. इसमें गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल झील जैसे इलाके शामिल हैं, जो टूरिस्ट्स के लिए खुले रहते हैं।

रेलवे कर्मचारियों को लेकर चेतावनी

पहलगाम हमले के बाद आतंकवादियों के घर गिराए जाने के बदले में आतंकवादी टार्गेट हत्याएं कर सकते हैं. इसके अलावा भी कई तरह की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं. रिपोर्ट में आगे चेतावनी दी गई है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे को और घाटी में गैर-स्थानीय रेलवे कर्मचारियों की मौजूदगी को देखते हुए, रेलवे को निशाना बनाकर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. एजेंसियों ने रेलवे सुरक्षा कर्मियों को अपने निर्धारित कैंपों और बैरकों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।

सेना को मिली खुली छूट!

इसके अलावा मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता की. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आतंकवाद पर ‘करारा प्रहार’ करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना तथा वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे।

माना जा रहा है कि मीटिंग का एजेंडा कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की समीक्षा करना और सीमा पार आतंकवादी ढांचे को तबाह करने के मकसद से सैन्य और रणनीतिक विकल्पों पर विचार-विमर्श करना था. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद पर करारा प्रहार हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।

उन्होंने भारतीय सैन्य बलों की पेशेवर क्षमता में पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें ‘हमारी प्रतिक्रिया के तौर-तरीकों, लक्ष्यों और टाइमिंग के बारे में फैसले लेने की पूरी परिचालन की आजादी है।’

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