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उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ में हल्द्वानी दंगा के मुख्य अब्दुल मलिक सहित अब्दुल मोईद और जावेद की जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल।  उत्तराखंड हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने हल्द्वानी दंगा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक सहित अब्दुल मोईद और जावेद की जमानत प्रार्थनापत्रों पर सुनवाई की।

आज हुई लंबी सुनवाई के दौरान दोंनो पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने अब्दुल मलिक व अब्दुल मोईन के खिलाफ दायर याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

अब कभी भी दोनों की जमानत याचिका पर कोर्ट अपना निर्णय सुना सकती है

    पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा कि अब मामले में चार्जशीट दायर हो गयी इसलिए ये जमानत के लिए सेशन कोर्ट में जा सकते है।

जबकि मलिक की तरफ से कहा गया कि सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त की है। इसलिए उनकी जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई उच्च न्यायलय में ही की जाय।

     आपकों बता दे कि 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूपुरा इलाके में अतिक्रमण हटाने गई प्रशाशन व पुलिस की टीम पर साजिश कर्त्ता सहित अतिक्रमणकारीयो व कई अन्य लोगो ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी की।

दंगे के दौरान दंगाईयो ने कई गाड़ियों सहित थाने को घेरकर गोलाबारी की। जिसमे कई लोगों की मौके पर मौत हो गयी और 100 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस की जाँच के बाद पुलिस ने 100 से अधिक दंगाईयो को गिरफ्तार किया।

जिसमें से एक आरोपी ये भी थे। जमानत प्रार्थनपत्र में यह भी कहा है कि जिस दिन यह घटना हुई वे वहाँ न होकर दिल्ली में थे।

उन्हें वेबजह फंसाकर उनके ऊपर दंगा भड़काने और दंगाईयो का साथ देने का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया।

जब अपराध किया ही नही तो झूठा मुकदमा किस आधार पर दर्ज किया गया। इसलिए उन्हें जमानत दी जाय।  

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