उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में कूड़ा देने वाले लोगों वह उनके बच्चों को सरकार के द्वारा जारी सरकारी योजना लाभ नहीं दिए जाने पर सुनवाई की
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में कूड़ा बीनने वाले लोगो व उनके बच्चों को सरकार के द्वारा जारी सरकारी योजनाओं का लाभ नही दिए जाने के मामले पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खंडपीठ ने न्यायमित्र नवनीश नेगी को इन लोगों से मिलकर इन्हें मिलने वाली सुविधाओं की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है।
मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 जनवरी की तिथि नियत की है।
बीते रोज हुए आदेश पर आज निदेशक शहरी विकास कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुईं।
उनके द्वारा कहा गया कि एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 549 कूड़ा बीनने वाले लोग है। उनमें से कई के पास राशन कार्ड,आधार कार्ड वोटर आईडी है। और वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे है।
आपकों बता दे कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपनी एक सर्वे रिपोर्ट में पाया था कि उच्च न्यायलय व अन्य जिला विधिक प्राधिकरणों की रिपोर्ट के अनुसार कूड़ा बीनने वालो को जरूरी सामान व उनके बच्चो को राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा प्रदत्त सुविधाओ का सहारा नही मिल रहा है।
जिसकी वजह से उनके बच्चे वही का वही काम करते आ रहे है जिसकी से उनका मानसिक व बौद्धिक विकास नही हो पा रहा है। इसलिए उन्हें भी केंद्र व सरकार की तरफ से जारी सभी योजनाओं का लाभ दिया जाय।
जैसे आम नागरिकों को मिल रहा है। ताकि उनके बच्चो को वही कार्य नही करना पड़े। उनके बच्चो का भी विकास होना भी अति आवशयक है।
क्योंकि वे हमारे समाज का अहम हिस्से से जुड़े हुए है। क्योंकि वे एक सच्चे पर्यावरण मित्र भी है।
कम से कम सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके।