ग्राम सभा सिंगोली के ग्रमीणों की शिकायत पर सयुंक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत ने किया निरीक्षण।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। विकासखण्ड ताड़ीखेत के ग्राम सभा सिंगोली के ग्रामीणों ने राज्य सरकार की जमीनों पर अवैध कब्जा व मूल गधेरे में अतिक्रमण के सम्बन्ध में सयुंक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत को कुछ दिन पूर्व एक ज्ञापन देकर शिकायत की थी। इस क्रम मे शनिवार को सयुंक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी व क्षेत्रीय पटवारी के साथ सयुंक्त निरीक्षण किया।
बता दे कि ग्राम सभा सिंगोली के ग्रमीणों ने सयुंक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत को कुछ दिन पूर्व शिकायती पत्र दिया था। जिसमे सभी ग्रामीणों ने लिखा था कि हीरा सिंह नेगी के द्वारा खरीदी गयी।
भूमि के अतिरिक्त राज्य सरकार की जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है और मूल गधेरे में अतिक्रमण कर अवैध नाली का निर्माण कर दिया गया है। वही मूल गधेरे से छेड़छाड़ कर राज्य सरकार की सम्पत्ति पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है।
सयुंक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद ने निरीक्षण कर बताया कि
वहां पर जो गांव वालो की शिकायत थी कि वाह पर जो नेचुरल गधेरा है, उसमें अतिक्रमण कर उसका पथ को बदल दिया गया है। जिस कारण गांव में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
जब इसका सीमांकन करवाया गया, हमारे पास पीडब्लूडी विभाग से अमीन साहब भी थे, और हमारी क्षेत्रीय पटवारी मैडम थी। हम लोगों ने जब उसमें नापा और सीमांकन किया तो उसमें पाया गया कि जो गधेरा था वहा पर उसको करीब लगभग 6 से 7 मीटर शिफ्ट कर दिया गया है।
जिसके कारण अभी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा अभी हमने पीडब्लूडी विभाग से एक विस्तृत रिपोर्ट भी मंगाई है। जिसके बाद उचित कार्रवाही की जाएगी, तथा एक और चीज संज्ञान में आया है की जो जमीन है, वो भी वन पंचायत के नाम जमीन पर है।
उसमे अभी अवैध तरीके से कंस्ट्रक्शन किया गया है। जिस पर जो कब्जेदार था उनके द्वारा आपत्ति जताई गई है और उन्होंने कहा कि वो इसके लिए अपने दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे, तो हमने उनको समय दिया है कि 2 दिन के भीतर अगर आपके पास इस तरह के कोई दस्तावेज है तो आप प्रस्तुत करें नहीं तो उसके ऊपर जो भी विभागीय कार्रवाही है वो की जाएगी।
इस अवसर पर पटवारी नूतन, हेमन्त सिंह रौतेला, विजय सिंह परमार, पद्मसम्भव सिंह परमार, अरबिन्द सिंह परमार, रमेश चन्द्र सिंह परमार, डोल सिंह पवार, चेतराम, माया परमार, पुष्पा आर्या, बच्ची राम ने अपने हस्ताक्षर कर ज्ञापन दिया।