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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती आज के दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया

रिपोर्टर – बलवंत सिंह रावत

रानीखेत। राष्‍ट्रीय आंदोलन के पराक्रमी नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती आज 23 जनवरी 2024 को मनाई गयी। आज के दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।

रानीखेत में सुभाष विचार मंच द्वारा सुभाष चौक में सुभाष चंद्र बोस जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके विचार और जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया। 

वक्ताओं ने कहा कि नेता जी हमेशा उच्‍च विचारों पर चलना स्‍वीकार करते थे. उन्‍होंने अपने विचारों में भी यह कहा था कि अगर आप उच्‍च विचारों के साथ जीवन जीते हैं तो यह आपकी कमजोरियों को दूर करने का ताकत देती है।

इसलिए हमें उच्‍च विचारों के साथ जीना चाहिए। साल 1920 में नेताजी ने इंग्लैंड में सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी, लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लेने के लिए इस जॅाब को इन्होंने ठुकरा दिया था।

कहा कि अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के बाद नेताजी ने साल 1943 में सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी. हिंद सरकार को 9 देशों की सरकारों ने मान्यता दी थी। 

कार्यक्रम में मोहन नेगी, नरेंद्र रौतेला, मदन सिंह मेहरा, राजेंद्र बिष्ट, शिवराज सिंह मेहरा, मनोज कुमार, मोहसिन खान, हरीश शर्मा, भुवन पपनै , अगस्त लाल साह, सुनील कुमार, लक्षण सिंह नेगी, नवल पांडे, हर्ष पंत, विनोद भार्गव, आनंद अग्रवाल, अजय पुनेठा, बंशीधर मठपाल, शंकर दत्त बुधोरी, आदि उपस्थित थे।

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