नैनीताल के एन.टी.एम.सी.पहुंचे इंडियन माउंटेनयरिंग फैडरेशन के सदस्य
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। एन.टी.एम.सी.पहुंचे इंडियन माउंटेनयरिंग फैडरेशन के सदस्यों ने कहा कि पहाड़ों में राष्ट्रीय स्तर की क्लाइम्बिंग वॉल लगाने से युवाओं को ओलंपिक तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
समिति के अनूप साह ने बताया कि उन्होंने बच्चों को ‘कैच देंम यंग’ सिखाने की योजना बनाई है।
नैनीताल के प्रतिष्टित सी.आर.एस.टी.स्कूल में एन.टी.एम.सी.(नैनीताल माउंटेनयरिंग क्लब) द्वारा एक प्रेस का आयोजन किया गया। बताया गया कि नैनीताल में क्लाइम्बिंग के लिए दो वॉल हैं, जिसमें बारहपत्थर वाली वॉल की ऊंचाई 12मीटर और फ्लैट्स मैदान वाली वॉल की 15मीटर ऊंचाई है।
बैठक में, आई.एम.एफ.के राष्ट्रभर के 100 सदस्यों में से 5 सदस्य मौजूद थे। बताया गया कि मौजूद सदस्य माणिक बैनर्जी ने कोलकत्ता में हिमालयन एसोसिएशन बनाई है। इसके अलावा एक सदस्य देबू मुखर्जी ने 50 से अधिक पीक चड़ी है ।
एयरफोर्स से सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन अक्षित कुमार ने बताया कि वो रक्षा मंत्रालय में जन संपर्क अधिकारी रह चुके हैं। अक्षित ने कहा कि इस खेल को जितना प्रचारित करेंगे उतना बढेगा।
नैनीताल में सेलिंग, बोटिंग आदि खेलों के अलावा पर्वतारोहण भी किया जा सकता है। बताया गया कि पूना में अंतराष्ट्रीय स्तर की क्लाइम्बिंग वॉल बनाई जा रही है। नैनीताल में अगर वॉल बनेगी तो भारतीय टीम का चयन यहां से हो सकेगा।
पर्वतारोही अनित साह ने बताया कि 1968 में चंद्र लाल साह ठुलघरिया ने इस क्लब स्थापना की थी। तब से 45 हजार से अधिक लोगों को पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। क्लब के सदस्यों ने 1992 में भारतीय फौज के आग्रह पर पंचाचूली को क्लाइंब किया था।
कहा कि तुसी अनित साह, देबू मुखर्जी और मैंने एवेरेस्ट किया है। अब इसको खेल के रूप में अंतराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है। यहां, प्राकृतिक बोल्डर तो अच्छे हैं ही साथ में अंतराष्ट्रीय स्तर की क्लाइम्बिंग वॉल बनाने के लिए काम करना होगा।
आई.एम.एफ.सदस्य माणिक बैनर्जी ने कहा कि विश्व में तो ये खेल तेजी से बढ़ रहा है, नैनीताल में आएगा तो यहां के खिलाड़ियों के लिए अच्छा होगा। इसे बढ़ाने के लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्तर पर बढ़ावा मिलना चाहिए। आई.एम.एफ.के एक अन्य सदस्य देबू मुखर्जी ने कहा कि ऐसे ओलंपिक में हिस्सा लेने का आसान तरीका है।
यहां के लोग उस प्रकार बने हैं कि वो इस खेल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इसे युवाओं में रोचक बनाया जाए। इसमें हाथ और पैर की मसल के साथ ही बुद्धि का तेज इस्तेमाल करना पड़ता है। स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित कर उन्हें तैयार किया जा सकता है।
पद्मश्री अनूप साह के अनुसार, युवाओं को इस खेल की तरफ लाना चाहिए। ये हर छात्र को कराना चाहिए तांकि आपदा के समय वो मादद कर सकेगा। इससे युवा प्रकृति और पर्यावरण से भी जुड़ेंगे। स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग से जुड़े लोग एक डेलिगेशन के रूप में मुख्यमंत्री से मिलेगा।
उन्होंने कहा कि टीम ने बारह पत्थर क्षेत्र का दौरा कर क्लाइम्बिंग वॉल को अपग्रेड करने की संभावना तलाशी गई। उन्होंने कहा कि उसकी ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाने के साथ इसमें होल्स और ग्रिप को उच्च स्तर का बनाया जाए।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नाम माने जाने वाले पर्वतारोही एस.के.खडूसकर ने कहा कि उन्होंने 1993 में यहीं से पर्वतारोहण शुरू किया है। लीड, सपीड और बोल्डर को देख जाता है।
लॉस एंजीलिस में होने वाले आगामी ओलंपिक में पूरा रॉक क्लाइम्बिंग का पैटर्न होगा। नैनीताल में प्रैक्टिस करने वाला खिलाड़ी जब समुद्र सतह पर परफॉर्म करेगा तो परफॉर्मेंस बहुत अच्छा होगा।
यहां के लिए क्लाइम्बिंग उपकरण लेने होंगे। ये प्रैक्टिस आपदा के समय भी मदद करेगी। क्लाइम्बिंग वॉल को अपग्रेड करने के लिए 4 से 5 करोड़ का फंड चाहिए।