खबर शेयर करे -

नैनीताल बैंक के संस्थापक सदस्यों में से एक व प्रमुख स्वन्त्रता सेनानी भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जी के जन्म जयंती पर उनको श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए नैनीताल बैंक कर्मियों ने आज दिनांक 10 सितंबर को भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत जी की जन्म जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा नैनीताल बैंक को निजी हाथों में दिए जाने की प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया देते हुए नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर कन्याल ने कहा कि जिस उद्देश्य से पंडित गोविंद बल्लभ पंत एवम अन्य साथियों ने नैनीताल बैंक की स्थापना की थी।

आज बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रबंधन उस परिकल्पना, उस सोच की हत्या करने पर उतारू है।

1922 में नैनीताल बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर तबके के लोगों को साहूकारों और पूंजीपतियों के कुचक्र से बचाकर उनको बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना था।

दुर्भाग्य से आज,102 वर्षों तक सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर चलते के उपरांत नैनीताल बैंक को पुनः उन्ही पूंजीपतियों के हाथों में दिए जाने की कोशिश की जा रही है।

जिनसे बचाने के लिए पंडित जी ने इस बैंक की स्थापना की थी।

बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा नैनीताल बैंक को निजी हाथों में दिए जाने का हम पुरजोर विरोध करते हैं।

पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी के जन्मदिन पर नैनीताल बैंक कर्मचारियों ने उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा उनके बनाए बैंक के निजी हाथों में दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संगठन के उत्तराखंड महासचिव शैलेंद्र राजपाल ने बताया की जिस बैंक ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा को पिछले 50 सालों से नैनीताल बैंक लाभांश दे रहा है।

वही आज हमारे बैंक को निजी हाथों में देने की कोशिश में लगा हुआ है।

आज नैनीताल बैंक के लाइसेंस को निजी हाथों में हस्तांतरित करने के पीछे सिर्फ निजी हित निहित हैं।

यह भी पढ़ें :  500 करोड़ की हेराफेरी मामले में पीसीएस के खिलाफ जारी रहेगी कोर्ट कार्यवाही
error: Content is protected !!