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भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में लोक संस्कृति दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य आयोजन किया गया

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में लोक संस्कृति दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने कुमाऊनी लोक संस्कृति का जश्न मनाया।

इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति दीवान सिंह रावत को पहाड़ी टोपी पहना कर सम्मानित किया और विशिष्ट अतिथि के तौर पर समाजसेवी आलोक शाह ने शिरकत की कार्यक्रम की।

कार्यक्रम की शुरुआत इंद्र मढ़ी बडोनी जी की फोटो पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इस दौरान छात्र-छात्रा द्वारा चाचरी छपेली झोड़ा चाचरी और मांगलिक आदि कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

जिसमें तकरीबन 80 छात्राओं द्वारा एक बड़े झोड़ा का प्रस्तुतीकरण किया गया जो देखने लायक था इस मौके पर पहुंचे कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय दीवान सिंह रावत ने कहा कि हमारी संस्कृति और लोक आधुनिकता के दौर मैं लुप्त होने की कगार पर है।

वही फूलों द्वारा इस प्रकार के आयोजन से समाज में अच्छा संदेश जाने के साथ ही लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।
“”लोक संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है इसका संरक्षण और संवर्द्धन करते हुए पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित किया जाना अति आवश्यक है ।”
यह कथन है प्रोफेसर दीवान सिंह रावत कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने स्वर्गीय बड़ौनी जी के जन्म दिवस पर उत्तराखंड में मनाया जाने वाले लोक संस्कृति दिवस पर भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सैकड़ो लोगों के मध्य समां बांधा।

कुमाँऊनी चाचरी को देखकर कुलपति महोदय ने विद्यालय के शिक्षकों , शिक्षिकाओं और अभिभावकों और विद्यालय के बच्चों के बीच जाकर बड़े उत्साह से चांचरी में भाग लिया ।
जिससे विद्यालय के बच्चे बेहद प्रफुल्लित हो गए ।
कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत द्वारा शिक्षकों और बच्चों के बीच चांचरी में हिस्सा सैकड़ो बच्चों के बीच एक खुशी की लहर दे गया।
आज के इस लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी वह हिमालय होटल के मालिक आलोक शाह , समाजसेवी गीता साह विशिष्ट अतिथि रहे।
प्रोफेसर दीवान सिंह रावत कुलपति ने विद्यालय शताक्षी मेहता द्वारा प्रशिक्षितप्राइमरी की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए।


कत्थक नृत्य और रंगकर्मी किशन लाल द्वारा निर्देशित चांचरी
और संगीत अध्यापिका नेहा आर्या द्वारा तैयार कुमाऊंनी शगुन आंखर गायन शैली की भूरि- भूरि प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि महोदय ने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल
बास्केटबॉल,हॉकी,क्रिकेट,वालीबाल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
प्रथम बार डीएसए मैदान में उपविजेता बनी छात्रा फुटबॉल की खिलाड़ियों
वर्ष भर के नेशनल कैडेट कोर के सर्वश्रेष्ठ 32 कैडेटों
विद्यालय के समस्त सांस्कृतिक कार्यक्रम के छात्रों और छात्राओं विद्यालय के उत्कृष्ट शिक्षकों को भी कुलपति महोदय ने प्रशस्ति पत्र वितरित किए ।
कुलपति महोदय ने
कुमाऊनी भाषा में अपना ऐतिहासिक वक्त भी दिया कहा कि वह सन 1988 में एक सामान्य विद्यार्थी की तरह भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के छात्र रहे हैं। 
और इस विद्यालय ने मुझे श्रेष्ठ अनुशासन की परंपरा दी जो आज भी मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है
उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वेआगे बढ़ने के हर कठिन रास्ते की चुनौतियों को स्वीकार करें ।
हिम्मत के साथ जीवन की राहों में आगे बढ़ें ।
आज विज्ञान और तकनीकी ने उन्नति के हर मार्ग में नई-नई राहें तैयार की हैं ।

कुलपति महोदय ने कहा की हिंदुस्तान में सभी क्षेत्रीय भाषाओं में लोग अपनी अपनी भाषा का सम्मान करते हुए बात करते हैं सिर्फ कुमाऊं का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें लोगों को कुमाऊनी भाषा बोलने में शर्म महसूस होती है ।
सोशल मीडिया ने कुमाऊं की संस्कृति और यहां के पारंपरिक गीतों को काफी आगे बढ़ाया है ।
अब सही वक्त है लोगों को इस शर्म को छोड़कर खुले दिल से कुमांऊनी भाषा में अपने घरों में और घरों से बाहर भी बात करनी चाहिए ।
तभी हमारी नई पीढ़ी कुमांऊनी भाषा को बोल पाएगी और समझ पाएगी ।
हमें कुमाऊनी पत्रिकाएं घरों में पढ़नी चाहिए।
नहीं तो कुमाऊनी बोली धीरे-धीरे लुप्त हो सकती है ।
विद्यालयों को कुमाऊनी बोली को बचाने के लिए आगे आना चाहिए, इस दिशा में भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय सराहनीय कार्य कर रहा है ।
विशिष्ट अतिथि आलोक शाह वरिष्ठ समाजसेवी ने विद्यालय के सांस्कृतिक रंगमंच की तारीफ करते हुए कुमाऊनी भाषा में कहा कि भारतीय शहीद सैनिक में हर क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा जो मुर्गा झपट प्रतियोगिता छात्रों और छात्राओं ने प्रस्तुत की है वह एक है प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता और सभी शिक्षकों का
का यह प्रेरणादायक कदम है।
अन्य अतिथियों मे मीनू बुधलाकोटी
प्रसिद्ध रंगकर्मी किशन लाल
कथक प्रशिक्षक शताक्षी मेहता हारमोनियम पर अजय टम्टा
विद्यालय के शिक्षक प्रवीण सती आलोक शाह ,डॉक्टर रेनू बिष्ट ,महेश, गोविंद बोरा
दरपान सिंह ,मीनाक्षी बिष्ट, गीतिका नेगी ,शाहनवाज ,आलोक भट्ट,
मंजू जोशी ,कविता उपाध्याय ,गोदावरी ,आदि उपस्थित रहे ।
खास बात यह रही की विद्यालय की छात्राओं द्वारा समस्त अतिथियों को अपने हाथों से बनाए गए ऐपण
राज्य सरकार पक्षी मोनाल और राज्य पुष्प ब्रह्म कमल के चित्र भेंट किए।
विद्यालय के एडवोकेट प्रबंधक ज्योति प्रकाश में सभी का आभार व्यक्त किया

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