हाईलेवल मीटिंग में PM मोदी बोले- हम सेना को खुली छूट देते हैं, समय और टारगेट खुद तय करेंगे
पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच हुई बैठक, पहलगाम हमले पर 40 मिनट तक हुई चर्चा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। इसी सिलसिले में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जो करीब 1 घंटे 30 मिनट तक चली।
पीएम मोदी ने सेना को खुली छूट देते हुए कहा कि वह अपना समय और टारगेट खुद तय करेंगे और आतंकवाद का करारा जवाब देंगे।
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी मौजूद थे।
बैठक में आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने साफ निर्देश दिया कि हमले के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो और अमरनाथ यात्रा सहित आम लोगों की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
इस बैठक में प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में निर्देश दिया है कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है. पीएम ने भारतीय सैन्य बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया. इसके साथ-साथ कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौन से हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।
आतंकी हमले में 26 लोगों की निर्मम हत्या
यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था जब कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में अज्ञात आतंकियों ने फायरिंग कर 26 निर्दोष नागरिकों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की निर्मम हत्या कर दी थी. इस हमले को हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे बर्बर हमला माना जा रहा है. घटना में शामिल आतंकी वारदात को अंजाम देने के बाद जंगल की तरफ भाग निकले. घटना के बाद से पूरे देश की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई है।
मोहन भागवत के साथ भी पीएम मोदी की मीटिंग
तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा मंत्री के साथ मीटिंग के ठीक बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पीएम मोदी से मिलने के लिए पीएमओ पहुंचे. दोनों के बीच में अहम बैठक भी चल हुई. भागवत के साथ कुछ अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
पीएम पहले ही कह चुके हैं, आतंकियों को कड़ी सजा मिलेगी
आतंकी हमले के ठीक दो दिन बाद यानी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर गए थे. जहां, उन्होंने मधुबनी जिले में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने आतंकियों और उनके आकाओं को कड़ी चेतावनी भी दी. पीएम ने कहा कि जिन्होंने भी यह हमला किया है उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।
किसी ने अपना भाई तो किसी ने अपना जीवनसाथी खोया…
पीएम ने आगे कहा कि आतंकी हमले में मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा गया है उससे पूरा देश व्यथित है.देशवासी दुखी हैं.दुख की इस घड़ी में पूरा देश पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है. आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा, किसी ने अपना भाई तो किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है. मौत पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है, हमारा आक्रोश एक जैसा है. देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है।
बैठक में पीएम मोदी ने लिए बड़े फैसले
- सेना को ऑपरेशन के लिए पूरी छूट दी गई है।
- सेना तय करेगी कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है।
- हम आतंकवाद को करारा जवाब देंगे, यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमले में शामिल आतंकियों और उनके मददगारों को धरती के आखिरी कोने तक खोजकर सजा दी जाएगी- ऐसी सजा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के अहम फैसले
- भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया, जिससे पाकिस्तान के लिए जल संकट की आशंका बढ़ गई।
- अटारी बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।
- सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस एडवाइजर्स को एक सप्ताह में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया। दोनों देशों के हाई कमीशन में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
- भारतीय वायुसेना ने ‘एक्सरसाइज आक्रमण’ के तहत सैन्य अभ्यास शुरू किया, जिसमें पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हवाई हमलों का अभ्यास शामिल था। भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत को मिग-29K फाइटर जेट्स के साथ अरब सागर में तैनात किया।
- जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकियों के घर ध्वस्त किए गए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी शामिल थे। ओवरग्राउंड वर्कर्स को भी गिरफ्तार किया गया।
- सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की, जिसमें हमले की विस्तृत जानकारी साझा की गई और सुरक्षा चूक के कारणों पर चर्चा हुई। विपक्ष ने सरकार को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।
- भारत ने हमले के सबूत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा करने की योजना बनाई। अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, सऊदी अरब जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
- श्रीनगर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर जांच बढ़ाई गई, और देशभर में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कड़ी की गई।
- हमले की जांच NIA को सौंपी गई और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए गए।
