भारत से दुबई तक चलेगी अंडरवाटर ट्रेन, 1000 किमी / घंटा की होगी रफ़्तार; जानें कब होगी शुरू
मुंबई से दुबई तक अंडरवाटर ट्रेन चलने की योजना है, जिसकी स्पीड 600 से 1000 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होगी. यह ट्रेन मुंबई से दुबई के बीच की दूरी को महज दो घंटे में पूरा कर सकेगी।
इस प्रोजेक्ट के तहत, यात्रियों के अलावा, कच्चे तेल और अन्य सामानों का तेजी से ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकेगा. यह प्रोजेक्ट यूएई के नेशनल एडवाइजर ब्यूरो लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
आपने हवाई यात्रा का अनुभव लिया होगा, लेकिन अब सोचिए समुद्र के नीचे ट्रेन से सफर करना कैसा रहेगा? ये सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन ये सच होने जा रहा है।
भारत और दुबई के बीच प्रस्तावित अंडरवॉटर ट्रेन का सफर सचमुच रोमांचक होने वाला है. इस ट्रेन की स्पीड 600 किमी/घंटे से 1000 किमी/घंटे तक हो सकती है और यह मुंबई से दुबई तक का सफर सिर्फ दो घंटे में तय कर सकेगी. यह प्रोजेक्ट काफी चर्चा में है, और इसे लेकर बड़े निवेश और तकनीकी चुनौतियां सामने आ रही हैं।
समुद्र के नीचे से होगा सफर
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और दुबई के बीच एक शानदार ट्रेन नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, जो करीब 1200 मील (लगभग 2000 किलोमीटर) की दूरी को समुद्र के नीचे कवर करेगा. इस अंडरवॉटर ट्रेन की मदद से यात्री समुद्र के नीचे से होते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
हवाई यात्रा से भी तेज
इस ट्रेन का सबसे खास पहलू उसकी स्पीड है. इसकी स्पीड 600 किमी/घंटे से लेकर 1000 किमी/घंटे तक हो सकती है, जो इसे हवाई यात्रा से भी तेज बना देती है. मुंबई से दुबई का सफर जो आमतौर पर करीब 3-4 घंटे का होता है, अब सिर्फ दो घंटे में पूरा किया जा सकेगा. यही नहीं, इस ट्रेन के जरिए सामान, जैसे कि कच्चा तेल और अन्य वस्तुएं भी तेज़ी से ट्रांसपोर्ट की जा सकेंगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को भी मजबूती मिलेगी।
भारत और दुबई के रिश्तों को मिलेगी मजबूती
इस प्रोजेक्ट का एक और अहम पहलू यह है कि यह भारत और दुबई के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा. दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, यात्री और माल परिवहन के लिए एक सुविधाजनक और तेज़ विकल्प मिलेगा।
निवेश और तकनीकी चुनौतियां
हालांकि यह प्रोजेक्ट बेहद रोमांचक है, लेकिन इसमें काफी निवेश की आवश्यकता होगी. अनुमान के मुताबिक, इसे पूरा करने के लिए अरबों डॉलर की जरूरत होगी. इस प्रोजेक्ट को तकनीकी और इंजीनियरिंग की कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सब कुछ सही रहा, तो इस प्रोजेक्ट को 2030 तक पूरा किया जा सकता है।
कब से होगा यह सफर?
हालांकि यह प्रोजेक्ट अभी भी चर्चा में है और इसकी स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि यह सफर अगले कुछ सालों में शुरू हो सकता है. यदि यह योजना सफल होती है, तो यह यात्रियों के लिए एक नया और रोमांचक अनुभव होगा, जो उनके सफर को और भी खास बना देगा।
ग्लोबलमीडियासाइट.क़ॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में अब तक संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों की संख्या 2.80 मिलियन है. वहीं साल 2023 में अब तक पाकिस्तानियों की संख्या 1.29 मिलियन है. यानी पाकिस्तानियों के मुकाबले भारतीयों की संख्या ज्यादा है।
यूएई की जनसंख्या साल दर साल बढ़ती गई
साल 2000 में यूएई की जनसंख्या केवल 3.13 मिलियन थी, जोकि साल 2010 में दो गुनी से ज्यादा 8.54 मिलियन हो गई. वहीं दस साल के बाद 2020 में यहां की जनसंख्या 9.89 मिलियन हो गई और फिर 2023 में यह आंकड़ा 10.17 मिलियन तक पहुंच गया।
