देहरादून। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
सोमवार को सीएम आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिसूचना जारी कर यूसीसी को लागू किया।
उन्होंने कहा कि यह केवल उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है, प्रदेश के सभी नागरिकों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गये हैं।
उत्तराखंड से निकली यूसीसी की गंगा की धारा सभी देशवासियों को निकट भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने यूसीसी पोर्टल का शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन भी किया। यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पंजीकरण कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है।
धामी ने कहा, ‘किसी को टारगेट करने जैसी कोई बात नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है।’
उन्होंने कहा कि इस कानून में सभी धर्मों के लोगों के लिए विवाह, तलाक एवं उत्तराधिकार से संबंधित नियमों को समान कर दिया गया है।
सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष तय कर दी गयी है। सभी धर्मों में पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरे विवाह को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया।
