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नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वर्ष 2001 से पुलिस विभाग में सेवारत सिपाहियों को ₹4600 का ग्रेड वेतन देने से संबंधित याचिका का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर नया आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

अदालत ने कहा है कि पुलिस महानिदेशक इस मामले की जांच कर छह माह के भीतर कानून के अनुसार निर्णय पारित करें।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता अम्बा दत्त पांडे सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021 में घोषणा की गई थी कि

2001 से सेवारत कांस्टेबलों को ₹4600 का ग्रेड पे दिया जाएगा, परंतु गृह विभाग ने 7 जनवरी 2022 को आदेश जारी कर इस घोषणा को निरस्त करते हुए इसके स्थान पर ₹2 लाख की एकमुश्त राशि देने का निर्णय लिया।

राज्य सरकार के पक्षकार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को 2022 में हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति मिली है और अगला पद सहायक उप-निरीक्षक का है, इसलिए ₹4600 का ग्रेड पे दावा अनुचित है।

वहीं, याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सहायक उप-निरीक्षक का पद 2023 में सृजित हुआ, जबकि वे 2021 में ही द्वितीय एसीपी के पात्र थे।

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