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 दाखिल-खारिज से संबंधित फाइल पर कार्रवाई के लिए रिश्वत मांग रहा था बाबू, विजिलेंस ने धरा

उत्तराखंड में भ्रष्ट्राचार के खिलाफ विजिलेंस का एक्शन जारी है। हरिद्वार में सहायक चकबंदी अधिकारी विनोद कुमार को विजिलेंस ने आज रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

आरोप है कि दाखिल-खारिज से संबंधित फाइल पर घूस के एवज में रिश्वत की डिमांड की थी।

जिसे आज विजिलेंस की टीम ने 2,100 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। पीड़ित की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने ट्रैप किया और फिर आरोपी कर्मचारी को घूस लेते रंगे हाथों धरा। पुलिस अब आरोपी की चल अचल संपत्ति के बारे में जानकारी जुटा रही है। साथ ही कार्यालय से लेकर घर तक पड़ताल जारी है।

कार्यालय निदेशालय सतर्कता अधिष्ठान, उत्तराखण्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर देहरादून को शिकायत दी थी कि उसके भाई के नाम प्लाट आबंटन व दाखिल-खारिज से संबंधित फाइल पर कार्रवाई के लिए लिपिक विनोद कुमार ₹2,100/- रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था और इस तरह के भ्रष्टाचारी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई चाहता था।

शिकायत के आधार पर सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून की टीम ने योजना बनाकर दिनांक 4/07/2025 को लिपिक विनोद कुमार को ₹2,100/- की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रिश्वत की रकम मौके पर बरामद हुई। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह यह धनराशि कार्यवाही के लिए ले रहा था।

निदेशक सतर्कता, डॉ. एम.एस. मुरुगेशन द्वारा इस टीम को पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई। साथ ही अपील जारी की गई कि यदि आप भी किसी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की जानकारी देना चाहते हैं, तो सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री नंबर – 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क करें। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में भागीदार बनें।

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