विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में मंच तैयार है, जहां आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता हासिल करने की लड़ाई में जुटी है।
बीजेपी और कांग्रेस भी दिल्ली की गद्दी कब्जाने की जद्दोजहद में है।
इस दौरान दिल्ली के 1.56 करोड़ वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, और करीब 700 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 13,766 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह मुकाबला राजधानी के राजनीतिक हालात को नया रूप दे सकता है।
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी अपने रिकॉर्ड और कल्याणकारी योजनाओं के दम पर तीसरी बार सत्ता पाने की कोशिश कर रही है।
दूसरी तरफ, बीजेपी 25 साल से ज्यादा समय से सत्ता से बाहर है और जीत की पुर्जोर कोशिश में है।
वहीं कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी से पहले 15 साल सत्ता में रही, लेकिन पिछले दो चुनावों में पार्टी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही है।
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग की तैयारी!
चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, 35,626 दिल्ली पुलिस के जवान और 19,000 होमगार्ड तैनात किए हैं. लगभग 3,000 मतदान केंद्रों को संवेदनशील के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मतदान के दौरान पुलिस टीम ड्रोन से भी निगरानी रखेंगे।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि, संवेदनशील बूथों के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे, जहां कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्यूआरटी भी तैनात रहेंगे. वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं, उनके लिए 733 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।
भीड़ को मैनेज करने के लिए चुनाव आयोग का मोबाइल ऐप
चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर भीड़-भाड़ से बचने के लिए भी इंतजाम किए हैं. इसके लिए आयोग ने क्यू मैनेजमेंट सिस्टम यानी कतार के प्रबंधन के लिए ऐप लॉन्च किया है. इससे मतदाता रियल टाइम पर संबंधित मतदान केंद्र पर भीड़ की जानकारी हासिल कर सकेंगे।
इनके अलावा बता दें कि मतदान की सुविधा के तहत दिल्ली में 7,553 ऐसे लोगों की पहचान की गई थी, जो मतदान केंद्र नहीं आ सकते थे, और इनमें 6,980 ने पहले ही अपने मत डाल दिए हैं।
चुनाव प्रचार अभियान में AAP-BJP और कांग्रेस का दम
दिल्ली चुनाव के लिए सोमवार को 6 बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था. प्रचार में तीन मुख्य दावेदारों आप-बीजेपी-कांग्रेस के बीच हाई-वोल्टेज मुकाबला देखने को मिला।
आम आदमी पार्टी ने अपने काम के रिकॉर्ड केआधार पर वोट मांगे, जिसमें अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी ने पार्टी के प्रचार अभियान की अगुवाई की, और पार्टी के तमाम नेता अभियान में दमखम से जुटे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में, बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोपों और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर आम आदमी पार्टी पर अपना हमला तेज रखा।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने भी कई मुद्दों पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को घेरा।
दिल्ली चुनाव में इन मुद्दों पर आमने-सामने दिखीं पार्टियां
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान नेम-कॉलिंग, एआई जेनरेटेड स्पूफ और ‘शीशमहल’ जैसे मुद्दे खासा चर्चा में रहे. इनके अलावा अरविंद केजरीवाल के ‘जहर’ वाले बयान के बाद यमुना के पानी को लेकर भी भारी हंगामा देखा गया।
वहीं शासन, कानून-व्यवस्था, और महिला कल्याण जैसे मुद्दों पर भी पार्टियां एक-दूसरे को घसीटती नजर आईं. साथ ही फ्रीबीज की बहार देखी गई. एक तरफ आलोचना हुई तो दूसरी तरफ खूब वादे भी किए गए।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में स्टूडेंट्स के लिए फ्री बस सेवा, ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स के लिए बीमा और मंदिर के पुजारियों के लिए 18000 मासिक वित्तीय मदद का वादा किया है।
बीजेपी ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये की वित्तीय मदद और 500 रुपये में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने 8,500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है।
दिल्ली चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे, जब यह तय होगा कि आम आदमी पार्टी अपनी सत्ता बरकरार रख पाती है, या बीजेपी-कांग्रेस अपना लंबा वनवास खत्म कर सत्ता हासिल करने पाने में विजयी हासिल करती है।
दिल्ली चुनाव में वोटिंग पर्सेंटेज की निर्णायक भूमिका की संभावना के साथ-साथ, अब सभी की निगाहें दिल्ली के वोटर्स पर टिकी हैं, जो कि बुधवार सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक पोलिंग बूथ पर नजर आएंगे।
