सरोवर नगरी नैनीताल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला दहन किया
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। नगर कांग्रेस कमेटी द्वारा नगर महामंत्री कैलाश अधिकारी के नेतृत्व में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल द्वारा पहाड़ी लोगों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ पंत पार्क में प्रेम चंद्र अग्रवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर मंत्री का पूतला फूंका।
पूर्व नगर महामंत्री त्रिभुवन फ़र्त्याल ने कहा मंत्री द्वारा जिस प्रकार पहाड़ी लोगों के लिए अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया गया वह राज्य निर्माण की मूल भावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने राज्य के लोगों का घोर अपमान किया है जिसके लिए उन्हें राज्य के लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है नैतिकता के आधार पर उन्हें पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
नगर कांग्रेस कमेटी,नैनीताल द्वारा नगर महामंत्री कैलाश अधिकारी के नेतृत्व में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल द्वारा पहाड़ी लोगों के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ पंत पार्क, मल्लीताल में मंत्री का पूतला फूंक कर, प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर नगर महामंत्री कैलाश अधिकारी ने कहा मंत्री द्वारा जिस प्रकार “पहाड़ी साला” जैसे अपशब्दों से संबोधित किया गया,वह राज्य निर्माण की मूल भावना के खिलाफ है तथा राज्य के लोगों का घोर अपमान है तथा नगर कांग्रेस कमेटी इसकी निंदा करती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी सुभाष कुमार,सुरेश चंद्रा,जिला अध्यक्ष एनएसयूआई शार्दुल नेगी,नगर उपाध्यक्ष प्रेम शर्मा,नगर सचिव बंटू आर्य,प्रदेश महासचिव यूथ कांग्रेस संजय कुमार,नगर अध्यक्ष एन एस यू आई आयुष कुमार,पूर्व दायित्वधारी रईस अहमद, नफीस अहमद, नगर महिला कांग्रेस से लता तरुण, सुनीता आर्या, त्रिभुवन फर्त्याल,मो.जुनैद अनमोल थापा, प्रियांशु बिष्ट, संदीप सिंह जलाल आदि उपस्थित रहे।
उधर नगर कांग्रेस कमेटी नैनीताल के अध्यक्ष अनुपम कबड्वाल ने बयान जारी कर कहा कि मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल को राज्य आंदोलन, मुजफ्फरनगर कांड, राज्य निर्माण के शहीदों व आंदोलनकारियों की पीड़ा आदि के इतिहास को समझना चाहिए। मंत्री द्वारा जिस प्रकार लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में पहाड़ी लोगों को अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया,उनके इस कृत्य पर पहाड़ी मुख्यमंत्री ने तुरंत मंत्री को पद से बर्खास्त करना चाहिए।