इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने ऐसे 500 मामलों की पहचान की जिसमें भारतीयों ने दुबई (Dubai) में अचल संपत्ति (Immovable Properties) खरीदा है लेकिन उसे घोषित नहीं किया है।
टैक्स विभाग इन मामलों में बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. दिल्ली में टैक्स विभाग ने जो रेड किया है उसी में 700 करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे ट्रांजैक्शन का पता लगा है जिसका कोई हिसाब नहीं है।
हजारों करोड़ की टैक्स चोरी संभव!
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग के दिल्ली स्थित इंवेस्टिगेशन विंग ने एक दर्जन से ज्यादा सर्वे और सर्च ऑपरेशन किए हैं जिसमें दुबई में 43 अघोषित प्रॉपर्टीज के सबूत मिले हैं. केवल दिल्ली में 700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले का पता लगा है।
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि अगर ये जांच पूरी देश में फैली तो टैक्स चोरी का ये मामला हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इकम टैक्स विभाग ने दुबई में भारतीयों की ओर से खरीदी गई अघोषित अचल संपत्तियों से जुड़े 500 से अधिक मामलों का पता लगाया जिसमें विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है।
जर्मनी ने किया डेटा साझा
हाल ही में जर्मनी (Germany) ने पश्चिम एशिया में भारतीयों की संपत्तियों का डेटा भारत के साथ साझा किया है. ये डेटा दोनों देशों के बीच डबल टैक्सेशन अवॉईडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के ढांचे के तहत किया गया था. इसमें 1000 से अधिक भारतीय नागरिकों के मालिकाना हक वाले प्रॉपर्टी का पता लगा है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जर्मन अधिकारियों को ये जानकारी कैसे मिली।
ब्लैक-मनी एक्ट के तहत कार्रवाई संभव
इनकम टैक्स विभाग के दिल्ली में छापेमारी के दौरान टैक्सपेयर्स ने 125 करोड़ रुपये से अधिक अघोषित कैश के निवेश करने की बात को स्वीकार किया है. इनकम टैक्स विभाग को बोगस रसीदें और कैश पेमेंट और खरीद के रिकॉर्ड मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है।
विभाग विदेशों में बेहिसाब कैश डिपॉजिट करने के तरीकों, अघोषित जमा कैश और इसमें काले धन होने की संभावना का पता लगा रहा है. टैक्स विभाग इनकम टैक्स एक्ट या ब्लैक मनी एक्ट के तहत मामले में कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है।