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उत्तराखंड में मानव और वन्य जीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिथौरागढ़ में भालू के हमले से एक महिला की जान चली गई। स्थानीय लोगों ने महिला के परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की है।

मुनस्यारी स्थित बोरागाव के कांपा तोक निवासी त्रिलोक सिंह की पत्नी बसंती देवी (42) अपने खेत में अकेले काम कर रही थीं। इसी दौरान अचानक एक भालू वहां आ धमका और उन पर जानलेवा हमला कर दिया।

इस दौरान दूसरे खेतों में काम कर लोगों ने महिला की चीख सुनी तो उन्होंने महिला के खेत की तरफ दौड़ लगाई। लोगों ने हल्ला मचा कर भालू को भगाया।

भालू के हमले से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे से कांपा तोक समेत पूरे क्षेत्र में दहशत और शोक का माहौल है।

स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने हमले के बाद भालू को जंगल की ओर भागते हुए देखा था। लोगों ने तत्काल राजस्व पुलिस को घटना की जानकारी दी।

राजस्व पुलिस के कानूनगो बसंत लोहनी ने बताया कि महिला कांपा तोक में अकेली रहती थीं, जबकि उनके पति और बच्चे हल्द्वानी में रहते हैं।

थानाध्यक्ष मंगल सिंह ने पुष्टि की है कि शव को कब्जे में ले लिया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है।

भालू के हमले में महिला की मौत की घटना से एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते वन्यजीव संघर्ष की भयावहता सामने आई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर जंगली जानवर आबादी वाले इलाकों में घुसकर इंसानों पर हमला कर रहे हैं। जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।

स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से इस क्षेत्र में भालू और अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही पर नियंत्रण करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।

क्षेत्रीय लोगों ने मृतक महिला के परिवार को उचित आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है।

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