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हल्द्वानी। चर्चित ₹10 लाख के चेक बाउंस मामले में हल्द्वानी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने प्रशांत वर्मा को बड़ी राहत दी है। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में उन्हें दोषमुक्त करार दिया।

अधिवक्ता चंदन सिंह बोहरा, जो प्रशांत वर्मा की ओर से पैरवी कर रहे थे, ने फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “यह सच्चाई की जीत है। मेरे मुवक्किल को गलत तरीके से फंसाया गया था, लेकिन हमने अदालत में ठोस सबूतों और तर्कों के ज़रिए सच साबित किया।”

शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल ने वर्ष 2020 में ₹10 लाख के चेक बाउंस का मुकदमा दर्ज कराया था। यह च (नंबर 128395) SBNKG इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खाते से जारी हुआ था, जिसे 17 सितंबर 2021 को नैनीताल बैंक, लोहाघाट शाखा में जमा कराया गया। खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया।

इसके बाद अमित अग्रवाल ने कानूनी नोटिस भेजा और अदालत में मामला दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में चेक, बैंक मेमो, नोटिस, रजिस्ट्री रसीद, ऑनलाइन ट्रैकिंग रिपोर्ट, एग्रीमेंट और ITR जैसे दस्तावेज़ पेश किए।

अधिवक्ता चंदन सिंह बोहरा ने अदालत में जोरदार दलील पेश की कि प्रशांत वर्मा न तो SBNKG इंडिया प्रा. लि. के डायरेक्टर हैं और न ही उनके हस्ताक्षर उस चेक पर हैं। बोहरा ने अदालत में सबूतों के ज़रिए साबित किया कि उनके मुवक्किल को बेवजह इस मामले में घसीटा गया था।

सभी पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष लगाए गए आरोप साबित करने में नाकाम रहा। अदालत ने प्रशांत वर्मा को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

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