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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है और इस बार केदारनाथ मंदिर को अद्भुत रूप से सजाया गया है। 2 मई से भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुलेंगे और इसके साथ ही एक भव्य यात्रा की शुरुआत होगी।

सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हुए व्यापक तैयारियाँ की हैं। फूलों से सजे केदारनाथ मंदिर के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो भक्तों में अपार उत्साह भर रहे हैं। आइए जानते हैं इस यात्रा की खास बातें।

केदारनाथ धाम को पूरी तरह फूलों से सजाया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें मंदिर को भव्य फूलों की मालाओं से सजाते हुए दिखाया गया।

मुख्यमंत्री ने लिखा, “श्री केदारनाथ धाम को फूलों से सजाया जा रहा है। 2 मई से भक्तों को बाबा के दर्शन मिलेंगे।” इस खास मौके पर मंदिर की सजावट भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय दृश्य बन गई है।
चार धाम यात्रा की शुरुआत की तिथियाँ घोषित

उत्तराखंड सरकार ने 2025 की चार धाम यात्रा की तिथियाँ सार्वजनिक कर दी हैं। यह यात्रा हर वर्ष विशेष धार्मिक महत्व रखने वाले अक्षय तृतीया पर्व के आसपास आरंभ होती है। इस वर्ष भी परंपराओं का पालन करते हुए, कपाट खुलने की तिथियाँ निम्नानुसार निर्धारित की गई हैं-

चार धाम यात्रा 2025 के अंतर्गत चारों प्रमुख धामों के कपाट खुलने की तिथियाँ निर्धारित कर दी गई हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई 2025 को प्रातः 7 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए जाएंगे, जबकि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 4 मई 2025 को प्रातः 6 बजे खुलेंगे।

वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर 30 अप्रैल 2025 को प्रातः 10:30 बजे खुलेंगे। यह तिथियाँ संबंधित मंदिर समितियों और पुजारियों द्वारा धार्मिक परंपराओं और पंचांगों के अनुसार निर्धारित की गई हैं।

पंजीकरण प्रक्रिया शुरू, श्रद्धालुओं के लिए जरूरी दिशा-निर्देश

चार धाम यात्रा में भाग लेने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। राज्य सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी है। यह व्यवस्था उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) द्वारा संचालित की जा रही है।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को पंजीकरण की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। इच्छुक श्रद्धालु या तो उत्तराखंड पर्यटन की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर या फिर ‘टूरिस्ट केयर उत्तराखंड’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यात्रा के लिए अपना पंजीकरण आसानी से कर सकते हैं।

सभी यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से पंजीकरण करना होगा।

वैध पहचान पत्र अनिवार्य है।

पंजीकरण के पश्चात यात्रा पास को साथ रखना आवश्यक है।

सरकार की सिफारिश है कि तीर्थयात्री पीक सीजन से पहले ही पंजीकरण और आवास की बुकिंग पूरी कर लें ताकि किसी असुविधा से बचा जा सके।
सुरक्षा और सुविधा की व्यापक तैयारियाँ

हिमालयी इलाकों की चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने इस बार विशेष तैयारियाँ की हैं-

तीर्थ मार्गों पर आपदा राहत और स्वास्थ्य सेवा दल तैनात रहेंगे।

आपातकालीन स्थितियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई गई है।

मौसम निगरानी प्रणाली को रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है।

अधिक चिकित्सीय सहायता, सड़क सुधार और तीर्थ क्षेत्रों में आवास की सुविधाओं में वृद्धि की गई है।

विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और पूर्व-रोगी तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करवाएं।

चार धाम यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना गया है। यह यात्रा भक्तों को उनके पापों से मुक्ति दिलाने और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त साधन मानी जाती है।

चार धाम चार प्रमुख देवी-देवताओं को समर्पित हैं-

यमुनोत्री – देवी यमुना

गंगोत्री – देवी गंगा

केदारनाथ – भगवान शिव

बद्रीनाथ – भगवान विष्णु

हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर से इस यात्रा में भाग लेने आते हैं। यह यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण का पर्व है।

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