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हल्द्वानी। बिन्दुखत्ता वन अधिकार समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और संबंधित विभागों के सचिवों से मुलाकात कर बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की मांग की।

शासन स्तर पर लंबित फाइलों को आगे बढ़ाने और राजस्व गांव की अधिसूचना जारी करने की मांग की गई।

वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत बिन्दुखत्ता को राजस्व ग्राम के रूप में मान्यता देने के संयुक्त दावे को 19 जून को जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा अनुमोदित किया गया और दस्तावेज़ सरकार को भेजा गया।

इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. समिति प्रतिनिधिमंडल की मांग पर मुख्य सचिव ने राजस्व सचिव को अधिनियम पर गौर कर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व सचिव एसएन पांडे और जनजाति कल्याण निदेशालय के अपर निदेशक योगेन्द्र रावत को ज्ञापन भी सौंपा।

अपर निदेशक योगेन्द्र रावत ने बताया कि राजस्व ग्राम की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है। निदेशालय स्तर से जिलाधिकारी, नैनीताल को पत्र भेजा जा रहा है, ताकि संयुक्त दावा करने वाले बिंदुखत्ता के सभी गांवों को चिन्हित कर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।

प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन की प्रति पंचायत सचिव के कार्यालय, आदिवासी एवं समाज कल्याण सचिव के कार्यालय और राजभवन में राज्यपाल को सौंपी।

इस प्रतिनिधिमंडल में वन अधिकार समिति सचिव बिंदुखत्ता, भुवन भट्ट, बसंत पांडे, उमेश भट्ट, डाॅ. यशवंत कोश्यारी, प्रताप सिंह बिष्ट, सुंदर सिंह खनका, इंदर सिंह पानेरी आदि शामिल थे।

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