भारत में करोड़ों लोग लोग मोबाइल रिचार्ज और बिल भुगतान जैसी सेवाओं के लिए Google Pay का इस्तेमाल करते हैं। अब तक गूगल पे (Google Pay) अपनी सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध करा रहा था, लेकिन अब कंपनी ने कुछ ट्रांजेक्शन पर उपयोगकर्ताओं से प्रोसेसिंग फीस लेने शुरू कर दिया है।
भारत में करोड़ों लोग लोग मोबाइल रिचार्ज और बिल भुगतान जैसी सेवाओं के लिए Google Pay का इस्तेमाल करते हैं। अब तक गूगल पे (Google Pay) अपनी सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध करा रहा था, लेकिन अब कंपनी ने कुछ ट्रांजेक्शन पर उपयोगकर्ताओं से प्रोसेसिंग फीस लेने शुरू कर दिया है।
कैसे कैलकुलेट होता है प्रोसेसिंग फीस?
प्रोसेसिंग फीस, यानी सुविधा शुल्क बिल राशि सहित कई मानदंडों के आधार पर अलग-अलग होती है।
गूगल पे के मुताबिक, बिल का भुगतान करने से पहले आप बिल की राशि के साथ अगल से लिए जाने वाले प्रोसेसिंग फीस को देख सकते हैं।
अगर प्रोसेसिंग फीस लागू होता है तो आपको पेमेंट करते समय यह कोई भी बिल की राशि के साथ दिखेगा। आप Google Pay एप के ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में भी प्रोसेसिंग फीस को देख सकते हैं। इसमें बिल की राशि के साथ चार्ज की गई प्रोसेसिंग फीस सूचीबद्ध होती है।
यदि आपके बिल का भुगतान फेल हो जाता है, तो बिल की पूरी राशि के साथ प्रोसेसिंग फीस एक निश्चित समय सीमा के अंदर आपके खाते में वापस कर दिया जाता है।
गूगल पे ने बाजार में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाए रखी है। यह लगभग 37% UPI लेनदेन को संभाल रहा है, जो वॉलमार्ट समर्थित फोनपे के बाद दूसरे स्थान पर है। जनवरी तक इस प्लेटफॉर्म ने 8.26 लाख करोड़ रुपये के UPI लेनदेन को प्रोसेस किया।